తెలుగు | Epaper

Latest Hindi News : संघ के 100 साल: डॉक्टर हेडगेवार, जिन्होंने आरएसएस की नींव रखी

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : संघ के 100 साल: डॉक्टर हेडगेवार, जिन्होंने आरएसएस की नींव रखी

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार (Dr Keshav Baliram Headgewar) का नाम आमतौर पर एक संगठनकर्ता और राष्ट्रवादी विचारक के रूप में लिया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके जीवन का एक अध्याय क्रांतिकारी कोड नेम ‘कोकेन’ से जुड़ा है। यह नाम उन्हें अविभाजित बंगाल की उस धरती पर मिला था, जहां “वंदेमातरम” (VandeMatram) की गूंज क्रांति का प्रतीक थी।

स्कूली जीवन से शुरू हुआ राष्ट्रवादी संघर्ष

स्कूल के दिनों में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करने के कारण डॉ. हेडगेवार को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने एक राष्ट्रीय विद्यालय में प्रवेश लिया, जहां उनकी मुलाकात क्रांतिकारी माधवराव सन्यासी से हुई। माधवराव को उन्होंने नागपुर में शरण दी थी। यही वह क्षण था जिसने उनके मन में क्रांति की लौ जलाई। बाद में उन्होंने अलीपुर बम कांड (Alipur Bomb Case) के लिए आर्थिक सहयोग भी जुटाया। 1909 में उन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास की, जिसके प्रमाणपत्र पर रास बिहारी बोस के हस्ताक्षर थे।

कलकत्ता का दौर और कोड नेम ‘कोकेन’

इसके बाद डॉ. हेडगेवार कलकत्ता के नेशनल मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां वे राष्ट्रवादी छात्रों और क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। बताया जाता है कि उन्होंने प्रसिद्ध अनुशीलन समिति की कोर टीम में स्थान पाया। समिति के सदस्य गुप्त कोड नेम से काम करते थे — इसी दौरान डॉ. हेडगेवार को ‘कोकेन’ नाम मिला।
उनकी जिम्मेदारी थी देशभर में क्रांतिकारी साहित्य और हथियारों की आपूर्ति करना। वे साहित्य को “एनाटोमी” कहते थे — जो मेडिकल अध्ययन का उनका विषय भी था।

क्रांतिकारी से संगठनकर्ता बनने की यात्रा

1918 के बाद जब सशस्त्र क्रांति कमजोर पड़ने लगी, तो डॉ. हेडगेवार ने लोकमान्य तिलक और सावरकर जैसे नेताओं की सलाह पर आंदोलन की दिशा बदली। उन्होंने महसूस किया कि अब समय संगठन निर्माण का है, न कि हिंसक संघर्ष का। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस और असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया, जेल भी गए, लेकिन बाद में कांग्रेस की नीतियों से असहमत होकर 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना की

क्या नरेंद्र मोदी आरएसएस में थे?

मोदी 1978 में आरएसएस के संभाग प्रचारक (क्षेत्रीय आयोजक) बने और सूरत और वडोदरा में गतिविधियों की देखरेख की। 1979 में, वे दिल्ली में आरएसएस के लिए काम करने चले गए, जहाँ उन्होंने आपातकाल के आरएसएस इतिहास पर शोध और लेखन किया। कुछ ही समय बाद, वे गुजरात लौट आए और 1985 में, आरएसएस ने उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया।

आरएसएस पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया था?

1947 में इसे चार दिनों के लिए प्रतिबंधित किया गया था, और फिर स्वतंत्रता के बाद की भारतीय सरकार द्वारा तीन बार प्रतिबंधित किया गया था, पहली बार 1948 में जब आरएसएस के सदस्य नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी; फिर आपातकाल के दौरान (1975-1977); और तीसरी बार 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद।

Read More :

चिदंबरम का पलटवार, पीएम मेरे नाम से दे रहे हैं भ्रामक बयान

चिदंबरम का पलटवार, पीएम मेरे नाम से दे रहे हैं भ्रामक बयान

सत्ता में आते ही 20 दिन में हर घर को सरकारी नौकरी

सत्ता में आते ही 20 दिन में हर घर को सरकारी नौकरी

4 लाख से अधिक पुलिस और सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात : डीजीपी

4 लाख से अधिक पुलिस और सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात : डीजीपी

पटना एयरपोर्ट पर संदिग्ध महिला गिरफ्तार

पटना एयरपोर्ट पर संदिग्ध महिला गिरफ्तार

पहले चरण का नामांकन कल से, बिहार की 121 सीटों पर 6 नवंबर को होगा वोटिंग

पहले चरण का नामांकन कल से, बिहार की 121 सीटों पर 6 नवंबर को होगा वोटिंग

कानपुर ब्लास्ट, पुलिस ने बताया असली कारण

कानपुर ब्लास्ट, पुलिस ने बताया असली कारण

मुंबई राजभवन में हुई मोदी-कीर स्टार्मर की द्विपक्षीय वार्ता

मुंबई राजभवन में हुई मोदी-कीर स्टार्मर की द्विपक्षीय वार्ता

स्कूल में मधुमक्खी हमला, 5 साल के बच्चे की मौत

स्कूल में मधुमक्खी हमला, 5 साल के बच्चे की मौत

पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने ‘हिंद सेना’ पार्टी से चुनाव लड़ने का ऐलान

पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने ‘हिंद सेना’ पार्टी से चुनाव लड़ने का ऐलान

निजी टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई, आयोग ने दी चेतावनी

निजी टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई, आयोग ने दी चेतावनी

IPS अधिकारी ने लिखा 3900 शब्दों का सुसाइड नोट

IPS अधिकारी ने लिखा 3900 शब्दों का सुसाइड नोट

नीतीश कुमार की JDU बैठक में आज होगा सीट बंटवारे पर फैसला

नीतीश कुमार की JDU बैठक में आज होगा सीट बंटवारे पर फैसला

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870