सुकमा (Sukma) जिले में चलाए जा रहे सघन नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है।
सुकमा जिले में चलाए जा रहे सघन नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। कोंटा एरिया कमेटी से जुड़े दो इनामी नक्सलियों (Naxli) समेत कुल छह नक्सलियों को थाना कोंटा और भेज्जी की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार नक्सलियों में से एक पर 2 लाख और दूसरे पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
8 जुलाई को डीआरजी, थाना कोंटा-भेज्जी पुलिस बल और सीआरपीएफ (CRPF) की 218वीं, 219वीं बटालियन की संयुक्त टीम नीलामड़गू और पीलावाया की ओर नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना हुई थी। इसी दौरान ग्राम पीलावाया में कुंजाम मुका (1 लाख इनामी) और माड़वी मुया (2 लाख इनामी) को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्र बंडा में सुरक्षा बलों पर फायरिंग और वर्ष 2024 में गंगराजपाड़ निवासी आम नागरिक ताती बुधरा की हत्या में संलिप्त रहे हैं।
विस्फोटक सामग्री जंगल में छुपाकर रखने की बात कबूल की
वहीं दूसरी ओर, मुखबिर की सूचना पर ग्राम एटेगट्टा और गोरखा के बीच भेज्जी क्षेत्र में चार संदिग्ध नक्सलियों – माड़वी सुक्का, सोड़ी चंदरू, मुचाकी लखमा और सोड़ी देवा को पकड़ा गया। पूछताछ में उन्होंने कोंटा एरिया कमेटी से जुड़े होने और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुँचाने की साजिश के तहत विस्फोटक सामग्री जंगल में छुपाकर रखने की बात कबूल की।
विस्फोटक बरामद
इनकी निशानदेही पर एक टिफिन बम (3 किलो), 7 मीटर कोर्डेक्स वायर, 15 मीटर बिजली वायर और 5 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर बरामद किए गए। भेज्जी थाने में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
भेजा गया जेल
सभी छह नक्सलियों को 9 जुलाई को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में डीआरजी, जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ की बी जी व यंग प्लाटून और 219वीं बटालियन की आसूचना शाखा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
नक्सलवाद का इतिहास क्या है?
नक्सली आंदोलन, जिसे नक्सलवाद भी कहा जाता है, भारत में एक वामपंथी उग्रवादी आंदोलन है, जिसकी शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गाँव में हुई थी। यह आंदोलन मुख्य रूप से भूमिहीन किसानों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए सशस्त्र संघर्ष के रूप में शुरू हुआ था।
नक्सली किसे कहते हैं?
नक्सली, या नक्सल, उन लोगों को कहा जाता है जो नक्सलवाद नामक एक वामपंथी उग्रवादी आंदोलन से जुड़े हैं। यह आंदोलन 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव में शुरू हुए एक किसान विद्रोह से उपजा था।नक्सलवाद, मोटे तौर पर, एक सशस्त्र संघर्ष है जो सरकार और वामपंथी उग्रवादी समूहों के बीच चल रहा है। नक्सली, माओवादी विचारधारा का पालन करते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में सशस्त्र विद्रोह और जन युद्ध के माध्यम से सत्ता परिवर्तन की वकालत करते हैं।
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