समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 25 अगस्त 2025 को उत्तर प्रदेश में एक बड़ा संगठनात्मक कदम उठाते हुए सभी जिला और विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। यह निर्णय 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election) की तैयारियों को गति देने और पार्टी संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने अखिलेश के निर्देश पर यह आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि नए प्रभारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पुष्टि की कि यह कदम संगठनात्मक पुनर्गठन का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2027 में सत्ता में वापसी करना है।
यह फैसला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह सपा की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत देता है। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव पार्टी में नई ऊर्जा लाना चाहते हैं और उन नेताओं को जिम्मेदारी देना चाहते हैं जो उनकी ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
हाल के लोकसभा चुनावों में सपा ने 37 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया, जिससे अखिलेश का आत्मविश्वास बढ़ा है। इस कदम से पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने और आंतरिक मतभेदों को कम करने की कोशिश भी मानी जा रही है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला पुराने नेताओं में असंतोष पैदा कर सकता है। नई सूची के ऐलान के साथ सपा की अगली रणनीति पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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