लेह । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने लद्दाख के शिक्षाविद् और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Vangchuk) के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी अंशदान अधिनियम के उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों ने बताया कि जांच जारी है, लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
वांगचुक ने बताया जांच का आदेश
वांगचुक ने मीडिया को बताया कि सीबीआई की एक टीम करीब 10 दिन पहले एक आदेश लेकर आई थी, जिसमें कहा गया था कि वे हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख में विदेशी अंशदान अधिनियम के उल्लंघन के संबंध में गृह मंत्रालय (Home Minister) की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं।
विदेशी धन पर विवाद
वांगचुक ने दावा किया कि आदेश में कहा गया था कि हमने विदेशी धन प्राप्त करने के लिए एफसीआरए के तहत मंजूरी नहीं ली है। वे विदेशी धन पर निर्भर नहीं रहना चाहते, लेकिन कुछ मामलों में इसे विदेशी योगदान माना गया।
सीबीआई की जांच और बैंक विवरण खंगाले जा रहे
सीबीआई की टीम ने एचआईएएल और स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख का दौरा किया और 2022-2024 के बीच मिले विदेशी धन का ब्योरा मांगा। टीम अब भी लद्दाख में है और खातों और बैंक विवरण की जांच कर रही है।
वांगचुक के आरोप और पूर्व घटनाएं
वांगचुक ने कहा कि सीबीआई अधिकारियों ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की है। पहले स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। इसके बाद एचआईएएल के लिए दी गई जमीन वापस लेने का आदेश आया और आयकर विभाग का समन भी भेजा गया।
लद्दाख में विरोध प्रदर्शन और हिंसा
वांगचुक ने 10 सितंबर को लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अनशन शुरू किया था। बुधवार को युवाओं के समूहों ने आगजनी और तोड़फोड़ की, बीजेपी मुख्यालय और पर्वतीय परिषद को निशाना बनाया और वाहनों में आग लगाई।
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