कोलकाता। ईडी के कोलकाता (Kolkatta) जोनल कार्यालय ने सोमवार को सहारा समूह के खिलाफ मनी लां¨ड्रग मामले में कार्रवाई की। ईडी ने गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल नौ ठिकानों पर छापेमारी की। ये ठिकाने सहारा समूह से जुड़ी विभिन्न जमीन और शेयर लेन-देन से संबंधित संस्थाओं के थे।
मंगलवार को ईडी की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है। ईडी ने यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत शुरू की। इसकी शुरुआत ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज तीन एफआइआर के आधार पर हुई थी। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए और संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए। ये एफआइआर हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआइसीसीएसएल) और अन्य के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत दर्ज की गई थीं।
अब तक 500 से अधिक एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं
सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ अब तक 500 से अधिक एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 300 से ज्यादा पीएमएलए के तहत निर्धारित अपराधों से जुड़ी हैं। आरोप है कि सहारा समूह ने जबरन पुनर्निवेश और मैच्योरिटी भुगतान रोककर निवेशकों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया। जांच में सामने आया कि सहारा समूह ने आधा दर्जन से अधिक कंपनियां बनाकर और अन्य संस्थाओं के जरिए पोंजी स्कीम चलाई।
ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए
निवेशकों और एजेंटों को ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए। निवेश की मैच्योरिटी पर भुगतान नहीं किया गया, बल्कि दबाव डालकर या गलत जानकारी देकर फिर से निवेश करा दिया गया। इससे पहले ईडी इस मामले में तीन अस्थायी कुर्की आदेश जारी कर चुकी है।
अंबी वैली में लगभग 1,460 करोड़ रुपये की 707 एकड़ जमीन, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड में लगभग 1,538 करोड़ रुपये की 1,023 एकड़ जमीन, और चांदनी राय (पत्नी- सीमांत राय) की 14.75 करोड़ रुपए की चल संपत्ति शामिल हैं।
प्रापर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है
ईडी पहले ही सहारा समूह के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट आफिस के कार्यकारी निदेशक अनिल वैलापरमपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े प्रापर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
सहारा समय का मालिक कौन है?
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था। कोलकाता में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद इन्होंने गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मेकैनिकल इंजिनियरिंग की। – गोरखपुर में सहारा की शुरुआत 1978 में हुआ
सहारा इंडिया से कितनी राशि लौटाई गई है?
सहारा के 12,97,111 जमाकर्ताओं को ₹2,314 करोड़ लौटाए गए. रिफंड प्रक्रिया डिजिटल और पेपरलेस है. रिफंड की समयसीमा 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई
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