- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से उद्धव और राज ठाकरे के बीच तीन मुलाकातें हो चुकी हैं, जिनमें दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मिलकर बातचीत की है। हाल ही में एक विवाह समारोह में दोनों की मुलाकात ने यह संकेत दिया है कि दोनों के बीच राजनीतिक मतभेद कम हो सकते हैं।
मुंबई में विरोध प्रदर्शन की योजना
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने मिलकर मुंबई में एक साथ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य राज्य की राजनीति में हो रहे बदलावों के खिलाफ आवाज उठाना है। पोस्टरों के माध्यम से दोनों नेताओं से एकजुट होने की अपील की गई है।
महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले सियासी समीकरण बहुत तेजी से बदल रहे हैं. शिवसेना यूबीटी और मनसे के साथ आने की चर्चा भी सियासी गलियारों में जमकर चल रही है. गठबंधन को लेकर भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. अब दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक साथ नजर आने वाले हैं. कल यानी बुधवार को मुंबई में मनसे और ठाकरे गुट की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. आइए जानते हैं कि यह विरोध प्रदर्शन किस बात के खिलाफ होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार, इंडिगो के अधीन आने वाली कंपनी के खिलाफ मनसे और ठाकरे समूह विरोध प्रदर्शन करेंगे. यह विरोध प्रदर्शन कल सुबह 11 बजे मुंबई में क्षेत्रीय श्रम आयुक्त के कार्यालय के सामने किया जाएगा. यह विरोध प्रदर्शन भारतीय कामगार सेना के अध्यक्ष और ठाकरे समूह के सांसद अरविंद सावंत के साथ-साथ मनसे वर्ली विभाग के अध्यक्ष की मौजूदगी में किया जाएगा।
कार्यकर्ता चाहते हैं कि दोनों नेता एक साथ आएं
जहां एक तरफ ठाकरे गुट और मनसे के एक साथ आने की चर्चाएं हैं, वहीं मनसे और शिवसेना ठाकरे गुट का यह आंदोलन सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने वाला है. इससे पहले दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने राज और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद अब कार्यकर्ता एक साथ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की चर्चा क्यों शुरू हुई?
- फिल्म अभिनेता महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे का इंटरव्यू लिया था. इस इंटरव्यू में राज से मनसे-शिवसेना गठबंधन के बारे में पूछा गया था. इसका जवाब देते हुए राज ने कहा था, ‘मुझे साथ आना मुश्किल नहीं लगता. हमारे विवाद और झगड़े महाराष्ट्र के मराठी लोगों के अस्तित्व के लिए बहुत छोटे हैं.’ इसके बाद से ही इस गठबंधन की चर्चा शुरू हो गई थी।
- इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे छोटे-मोटे विवादों को किनारे रखने के लिए तैयार हैं और महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा. इसके चलते इस गठबंधन की चर्चाओं ने और जोर पकड़ लिया. इसके बाद दोनों दलों के नेताओं के कार्यक्रमों में कुछ बैठकें भी हुईं. हालांकि, गठबंधन पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
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