India air standards: केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि वैश्विक स्तर पर जारी की जाने वाली वायु प्रदूषण रैंकिंग्स — जैसे IQAir, WHO डेटाबेस, EPI या GBD — किसी भी आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा तैयार नहीं की जातीं। पर्यावरण राज्य मंत्री किरति वर्धन सिंह ने बताया कि WHO के वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश केवल सलाह देने के लिए होते हैं, और उनका उद्देश्य प्रत्येक देश को अपनी भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुसार मानक तय करने में मदद करना है।
Read also : पेद्दापल्ली के लिए केंद्रीय विद्यालयों की तत्काल मंजूरी की मांग
सरकार ने कहा कि भारत ने पहले ही 12 प्रदूषकों के (India air standards) लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) अधिसूचित कर रखे हैं, जिनका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा करना है। इसलिए बाहरी संगठनों द्वारा जारी की गई रैंकिंग भारत की आधिकारिक स्थिति को प्रदर्शित नहीं करती।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही वैश्विक स्तर पर कोई आधिकारिक रैंकिंग मौजूद नहीं है, लेकिन भारत अपनी पहल के तहत हर वर्ष ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण’ आयोजित करता है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) में शामिल 130 शहरों का मूल्यांकन उनकी प्रदूषण-नियंत्रण प्रगति के आधार पर किया जाता है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को हर वर्ष 7 सितंबर—राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस पर सम्मानित किया जाता है।
Read Telugu News: https://vaartha.com/
यह भी पढ़ें :