Census 2027 : भारत की जनगणना 2027 अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होने जा रही है। यह देश की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना होगी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 11,718 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जनगणना दो चरणों में होगी—पहला हाउसलिस्टिंग और दूसरा जनसंख्या गणना। इस बार सामाजिक स्थिति और जाति संबंधी जानकारी भी दर्ज की जाएगी। डेटा संग्रह के लिए विशेष मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं जो एंड्रॉयड और iOS दोनों पर उपलब्ध होंगे, और पूरी प्रक्रिया डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है।
जनगणना कार्य में लगभग 30 लाख कर्मी शामिल होंगे, जिनमें स्कूल (Census 2027) शिक्षक, पर्यवेक्षक, मास्टर ट्रेनर, चार्ज अधिकारी और जिला जनगणना अधिकारी शामिल हैं। ये सभी अपने नियमित कार्यों के साथ-साथ जनगणना का फील्डवर्क भी करेंगे, जिसके लिए उन्हें निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। हर घर पर जाकर हाउसलिस्टिंग, हाउसिंग और जनसंख्या गणना हेतु अलग-अलग प्रश्नावली भरवाई जाएगी।
अन्य पढ़े: Breaking News: IPO: IPO बाजार में नया कीर्तिमान
सरकार का लक्ष्य है कि जनगणना के आंकड़े जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए Census Management & Monitoring System (CMMS) नामक डिजिटल पोर्टल तैयार किया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया को रियल-टाइम में मॉनिटर किया जा सकेगा। इसके अलावा HLB Creator वेब मैप एप्लिकेशन की मदद से अधिकारी मैपिंग कार्य को और सटीक रूप से पूरा कर सकेंगे। जनता को स्वयं विवरण दर्ज करने का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए मजबूत सुरक्षा ढांचे बनाए गए हैं।
जनगणना के परिणामों को गांव और वार्ड जैसे सबसे छोटे प्रशासनिक स्तर तक विस्तृत विज़ुअलाइज़ेशन के माध्यम से उपलब्ध कराने की योजना है। डिजिटल डेटा प्रबंधन और मॉनिटरिंग से जुड़े कार्यों में लगे तकनीकी कर्मचारियों की कौशल क्षमता बढ़ेगी, जिससे भविष्य में उनके रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी। जनगणना देश में आवास, सुविधाएं, धर्म, भाषा, शिक्षा, आर्थिक गतिविधियां, प्रव्रजन और जनसांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। इस पूरी प्रक्रिया को जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 कानूनी आधार प्रदान करते हैं।
Read Telugu News: https://vaartha.com/
यह भी पढ़ें :