नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhhu) की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की प्राथमिक सदस्यता निलंबित कर दी। यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों के चलते की गई। नवजोत कौर ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए 500 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं। इसके साथ ही उन्होंने टीवी चैनल पर दावा किया कि तरनतारन उपचुनाव के उम्मीदवार करणबीर सिंह बुर्ज ने टिकट के लिए दो कांग्रेस नेताओं को 10 करोड़ रुपये दिए। हालांकि बुर्ज ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया।
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निलंबन के बाद सिद्धू परिवार का पलटवार
निलंबन के बाद नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह (Punjab Congress President Amrindra Singh) राजा वडिंग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने वडिंग को असंवेदनशील, गैरजिम्मेदार, नैतिक रूप से बेईमान और भ्रष्ट बताया और उन्हें अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उधर वडिंग का कहना है कि नवजोत कौर को निराधार आरोपों और पार्टी की छवि खराब करने के कारण निलंबित किया गया।
नवजोत सिंह सिद्धू की वापसी की शर्त
नवजोत कौर सिद्धू का कहना है कि उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू तभी सक्रिय राजनीति में लौटेंगे जब कांग्रेस उन्हें पंजाब में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास 500 करोड़ रुपये देने के लिए नहीं हैं, लेकिन सिद्धू पंजाब को स्वर्णिम राज्य में बदलने की क्षमता रखते हैं।
2022 में भी फूटा था अंदरूनी संघर्ष
2022 के चुनावों से कुछ महीने पहले पार्टी के भीतर कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी बड़ी कलह सामने आई थी। इस झगड़े के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों करारी हार मिली। उस दौरान कांग्रेस ने चन्नी को सीएम और सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। बाद में वडिंग ने अध्यक्ष पद संभाला।
2027 से पहले कांग्रेस में फिर उभरी गुटबाजी
ताजा घटनाक्रम साफ दिखाता है कि पंजाब में 2027 के चुनावों से पहले कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और नेतृत्व संघर्ष एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है।