बिहार चुनाव से पहले बड़ा झटका? राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी आरोपियों को पेश होने का निर्देश दिया
नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब घोटाले के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav), उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabari Yadav) और अन्य सभी आरोपियों को 13 अक्टूबर को अपनी उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दिया है। इस तारीख को ही कोर्ट मामले में अंतिम फैसला सुनाएगी। यह फैसला बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
मामले का पृष्ठभूमि
लैंड फॉर जॉब केस 2004-2009 के बीच की घटनाओं से जुड़ा है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के अनुसार, रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले बिहार में जमीनें हासिल की गईं। इन जमीनों की कीमत बाजार मूल्य से काफी कम बताई गई, जबकि वास्तविक मूल्य लाखों में था। आरोप है कि लालू परिवार ने इस घोटाले से करोड़ों का लाभ उठाया।
सीबीआई ने 2022 में मामला दर्ज किया था। इसमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के अलावा उनकी बेटी मीसा भारती, बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम भी आरोपी के रूप में शामिल हैं। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक चार्ज फ्रेमिंग पर फैसला सुरक्षित रखा है।
कोर्ट की कार्यवाही
राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत के जज विशाल गोगने ने 25 अगस्त को मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को जारी आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 13 अक्टूबर को सभी आरोपी व्यक्तिगत रूप से हाजिर हों। “राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले के आरोपी लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और अन्य को कोर्ट के सामने हाजिर करने का आदेश दिया है।” यह आदेश सीबीआई की विशेष अदालत से आया है।
लालू परिवार के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि वे सभी निर्देशों का पालन करेंगे। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लिए चुनौती बन सकता है, खासकर बिहार चुनावों के नजदीक आते हुए।
बिहार चुनाव पर असर?
बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2025 में होने हैं, और यह मामला आरजेडी के लिए पुराना घाव खोल सकता है। लालू प्रसाद पहले ही चारा घोटाले में सजा काट चुके हैं और स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर हैं। राबड़ी देवी ने कहा, “हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे, लेकिन यह राजनीतिक साजिश है।” आरजेडी प्रवक्ता ने इसे बीजेपी की चाल बताया।
सीबीआई का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है और सबूत मजबूत हैं। कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है।
आगे की संभावनाएं
13 अक्टूबर को कोर्ट न केवल फैसला सुनाएगी बल्कि चार्जशीट पर भी विचार कर सकती है। अगर दोष सिद्ध होता है, तो लालू परिवार को फिर से कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। विपक्षी दल इसे न्यायिक प्रक्रिया बता रहे हैं, जबकि सहयोगी इसे केंद्र सरकार की साजिश।
यह मामला न केवल लालू परिवार बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। पीड़ित पक्ष और आम जनता की नजरें 13 अक्टूबर पर टिकी हैं।
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