Made in India Locomotives गिनी के लिए प्रीमियम इंजन निर्यात का नया अध्याय
भारतीय रेलवे और Wabtec की साझेदारी में बनी Made in India Locomotives का पहला निर्यात गिनी (Guinea) को हो रहा है। इससे न सिर्फ भारत की तकनीकी क्षमताओं का वैश्विक मान्यता मिली है, बल्कि ‘Make in India’ व ‘Atmanirbhar Bharat’ की दिशा में भी बड़ी प्रगति दिखाई दे रही है।
गिनी को कितने इंजन मिलेंगे और क्या विशेष हैं?
- Marhowrah फैक्ट्री से 140 ES43ACmi Evolution Series डीज़ल इंजन बनाए जा रहे हैं।
- ये इंजन 4,500 HP क्षमता वाले हैं और अफ्रीकी गर्म-ज्वलनशील जलवायु में आसानी से काम कर सकते हैं।
- पहला इंजन जून 2025 में Mundra Port से रवाना होगा।
- पूरा ऑर्डर मार्च 2028 तक कम्प्लीट हो जाएगा ।

Made in India Locomotives क्यों हैं खास?
टॉप टेक्नोलॉजी और क्षमता
- ES43ACmi इंजन में 3.3 MW पावर, ड्यूल केबिन और छह एक्सल की सुविधा है।
- हाई-टेम्प्रेचर परफ़ॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी प्रमुख विशेषताएँ हैं ।
Marhowrah फैक्ट्री का महत्व
- यह सुविधा 2018 में स्थापित हुई थी और अभी तक 100 इंजन प्रतिवर्ष की क्षमता दिखाती है ।
- अब तक इसने भारतीय रेल को 650+ इंजन सप्लाई किए।
घर बैठे उत्पादन, वैश्विक पहचान
- यह ‘Make in India’ और ‘Make for the World’ की सफलता का प्रतीक है।
- इससे बिहार सहित कई भारतीय समाजों में रोजगार और आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं ।
राजनीतिक और आर्थिक मायने
- प्रधानमंत्री ने Marhowrah से पहला इंजन फ्लैग ऑफ किया।
- यह बिहार के आर्थिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने वाली पहल है ।
- साथ ही भारत–गिनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों में भी मजबूती आई है ।

Made in India Locomotives अब आगे का रोडमैप
- इस सफलता के बाद और अफ्रीकी देशों जैसे सैनेगल, मोजाम्बिक, म्यांमार को इंजन निर्यात के अवसर खुल सकते हैं ।
- भारतीय रेल मंत्रालय की योजना में यूरोप व ऑस्ट्रेलिया तक रेल उपकरण निर्यात शामिल है।
नीतिगत सहयोग
- “100 इंजन तैयार हैं…” को लेकर रेल मंत्री ने Rajya Sabha में जानकारी दी ।
- यह निर्यात भारतीय रेलवे को वैश्विक फेहरिस्त में अग्रिम स्तर पर खड़ा करता है।
Made in India Locomotives गिनी में सप्लाई की कहानी भारत के वैश्विक रेल निर्यात में एक नया अध्याय है। तकनीकी, आर्थिक और रणनीतिक सभी दृष्टियों से यह सफलता भविष्य में भारत को वैश्विक रेल बाजार में और ऊंचा ले जाएगी।