पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लंबे समय से लंबित तबादला नीति अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। शिक्षा विभाग ने नई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी (Online Transfer Policy) का अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। विभाग की योजना है कि जनवरी 2026 से पहले कैबिनेट की मंजूरी लेकर नई नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी जाए। नई नीति को पूरी तरह ऑनलाइन (Online) पारदर्शी और समयबद्ध बनाया गया है ताकि हर साल होने वाले विवादों और कानूनी मामलों पर रोक लग सके।
पुरानी नीति न होने से हर साल बढ़ते रहे विवाद
पिछले 18 वर्षों से स्पष्ट नियमावली नहीं होने की वजह से शिक्षकों को ट्रांसफर प्रक्रिया में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी।इस वर्ष ही 1.5 लाख से अधिक शिक्षकों का अंतर-जिला और इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट (Intra District) तबादला किया गया, लेकिन बिना स्थायी नीति के अलग-अलग आदेश जारी होने से विवाद और भ्रम की
Read Also : गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: थाईलैंड में दबोचे गए लूथरा ब्रदर्स
नई ट्रांसफर नीति के प्रमुख प्रावधान
- सभी कैटेगरी के शिक्षकों पर समान नियमावली लागू
(2006 से अब तक नियोजित शिक्षक, विशिष्टीकृत, प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षक) - नियुक्ति के पहले 5 वर्ष तक सामान्य तबादला नहीं
(केवल गंभीर बीमारी, दिव्यांगजन या विशेष पारिवारिक कारणों पर छूट) - 5 वर्ष पूर्ण होने के बाद हर साल निर्धारित विंडो में ऑनलाइन आवेदन
- पूरी प्रक्रिया मेरिट-आधारित और पारदर्शी
(मैनुअल हस्तक्षेप या मनमानी की संभावना खत्म) - पति-पत्नी, महिला शिक्षक, दिव्यांग और गंभीर बीमारी को वरीयता
- तबादला होने के बाद न्यूनतम 3 वर्ष तक उसी स्कूल में सेवा अनिवार्य
6 लाख से अधिक शिक्षकों को मिलेगी राहत
बिहार में फिलहाल 6.20 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से लगभग 1.10 लाख शिक्षक लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। नई नीति लागू होते ही बड़े पैमाने पर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शिक्षक संघों के साथ कई दौर की बैठक के बाद सभी आपत्तियों को दूर कर लिया गया है। अब नीति को लागू करने के लिए सिर्फ कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।
Read More :