ISI ने शख्स को जाल में कैसे फंसाया?
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तानी सेना और आतंकियों को घुटनों पर ला दिया है। वहीं, अब भारत के भीतर बैठे पाकिस्तानी मददगारों पर एक्शन शुरू हो गया है। इसी क्रम में मुंबई ATS ने ठाणे ATS के साथ मिलकर रविन्द्र वर्मा नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है जो कि वॉट्सऐप के माध्यम से गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा था। जानकारी के मुताबिक, रविन्द्र वर्मा ने पाकिस्तान को जो जानकारियां सौंपी उनमें वॉरशिप की डिफेक्ट रिपोर्ट और उनकी मरम्मत व अपग्रेडेशन की स्थिति जैसी संवेदनशील जानकारियाँ शामिल थीं। इनमें नेवल डॉकयार्ड में मरम्मत और अपग्रेडेशन के लिए लाए गए वॉरशिप और सबमरीन भी शामिल थीं।
कैसे जाल में फंसा शख्स?
रविंद्र वर्मा को कथित तौर पर दो पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (PIO) ने हनीट्रैप किया, जिन्होंने फर्जी पहचान के साथ फेसबुक पर महिलाओं के रूप में प्रोफाइल बनाई थी> वर्मा के नेवल डॉकयार्ड से जुड़े होने की जानकारी मिलने के बाद इन एजेंटों ने उससे संपर्क किया और नौसेना के वॉरशिप में उनका इंटरेस्ट दिखाना शुरू किया। जांच में खुलासा हुआ कि दोनों PIO एजेंटों ने वर्मा को निशाना बनाने से पहले उसके बैकग्राउंड की गहराई से जांच की थी। वर्मा ने सार्वजनिक रूप से जानकारी साझा की थी कि वह एक ऐसी कंपनी में कार्यरत है जो नेवल शिपयार्ड में काम करती है।
कौन सी जानकारियां पाकिस्तान भेजी गईं?
इसके बाद एजेंटों ने उससे ऑनलाइन संपर्क बनाए, भारतीय नौसेना, वॉरशिप और सबमरीन में दिलचस्पी जताई। बातचीत के दौरान एजेंटों ने वॉरशिप, कोस्ट गार्ड जहाज़ों और डॉकयार्ड में खड़े जहाज़ों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी। नेवल डॉकयार्ड में मोबाइल फोन ले जाने पर सख्त पाबंदी के बावजूद वर्मा ने वहां मरम्मत के लिए आई नेवी और कोस्ट गार्ड जहाजों की स्थिति, उनकी तकनीकी खामियों और अन्य संवेदनशील जानकारियां साझा कीं। एजेंटों ने सामान्य बातचीत के बहाने जहाजों, वॉरशिप और उनकी मरम्मत से जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल की।
पाकिस्तानी एजेंटों से कब से जुड़ा था आरोपी?
रविंद्र वर्मा को एक दूसरे PIO एजेंट ने भी फेसबुक के जरिए संपर्क किया और फिर दोनों को बातचीत वॉट्सऐप पर शिफ्ट हो गई। वर्मा को यकीन था कि वह दोनों महिलाओं से प्रेम संबंध में है और जल्द ही उनसे मुलाकात करेगा, जबकि असल में वे दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंट थीं। सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2024 में फेसबुक के ज़रिए एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में आया था। इसके बाद नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच उसने वॉट्सऐप के माध्यम से वॉरशिप की डिटेल लिस्ट जो कि गोपनीय और संवेदनशील क्षेत्रीय जानकारी है, उससे जुड़ी जानकारी भेजी थी।
अब केस में आगे क्या होगा?
नौसेना के वॉरशिप और डॉकयार्ड संचालन से जुड़ा क्लासिफाइड डेटा साझा करने के आरोपी रविन्द्र वर्मा को मुंबई ATS ने ठाणे ATS के साथ मिलकर पकड़ा है। आरोपी की ठाणे सिविल अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गयी है। उसके बाद ठाणे सेन्ट्रल जेल में भेज दिया गया है। अब आरोपी को कस्टडी में लेकर उससे आगे की पूछताछ की जा सकती है ताकि उससे जुड़े पाकिस्तानी एजेंटों के बारे में और जानकारी सामने आ सके। इसके साथ ये भी पता करने की कोशिश होगी कि उसने और कौन सी जानकारियां पाकिस्तानी एजेंटों को दी हैं।