Lok Sabha debate : लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तीखे बयान दिए। उन्होंने चुनाव आयोग (ECI) पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने और विपक्ष की शिकायतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा, “मताधिकार पर हमला करना देश की नींव को कमजोर करना है। यह सबसे बड़ा राष्ट्र-विरोधी काम है। हम कानून को पूर्व प्रभाव से बदलेंगे और आपको ढूंढेंगे।”
उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव आयुक्तों के चयन पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को क्यों हटाया गया। “मैं उस पैनल में हूं, लेकिन मेरी कोई आवाज नहीं सुनी जाती। सरकार तय करना चाहती है कि आयोग में कौन बैठे,” उन्होंने कहा। राहुल गांधी ने 2023 में कानून में किए गए बदलावों का भी जिक्र किया, जिनसे चुनाव आयोग के अधिकारियों को उनके फैसलों पर कार्रवाई से छूट मिल गई।
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सीसीटीवी फुटेज को चुनाव परिणामों के 45 दिनों के भीतर (Lok Sabha debate) नष्ट करने की अनुमति देने वाले नियम पर भी उन्होंने सवाल उठाए। “जब सबूत ही खत्म कर दिए जाएंगे, तो पारदर्शिता कैसे बचेगी?” उन्होंने पूछा।
राहुल गांधी ने चुनावी सुधारों के लिए चार सुझाव रखे। चुनाव से एक महीने पहले सभी पार्टियों को पूरी मतदाता सूची दी जाए, सीसीटीवी डेटा नष्ट न किया जाए, ईवीएम की तकनीकी संरचना की जांच का अधिकार मिले, और चुनाव आयोग को जवाबदेह बनाया जाए।
उन्होंने हरियाणा और बिहार में कथित डुप्लीकेट वोटरों का जिक्र करते हुए कहा कि “वोट चोरी सबसे बड़ा राष्ट्र-विरोधी अपराध है।” आरएसएस पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि वह देश की हर संस्था पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जिससे लोकतंत्र की आत्मा को नुकसान पहुंच रहा है।
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