तारापुर (मुंगेर)। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) गुरुवार को अपने गृह क्षेत्र तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat ) से नामांकन करेंगे। नामांकन के दौरान भाजपा और एनडीए के कई शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि नामांकन के बाद गाजीपुर मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर के दिग्गज नेता मंच साझा करेंगे।
कार्यकर्ताओं से बोले सम्राट– 30 साल बाद खिलाना है कमल
नामांकन से एक दिन पहले बुधवार को सम्राट चौधरी तारापुर पहुंचे और एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम देखा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, “पार्टी ने मुझे तारापुर भेजा है, मैं आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं। अब 30 साल बाद इस धरती पर कमल खिलाना है।”
सम्राट ने कहा कि वे लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और तारापुर के विकास की चिंता पहले भी करते थे, आज भी करते हैं और आगे भी करेंगे।
विकास को बताया चुनावी मुद्दा
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार ने पिछले दो दशकों में विकास की नई कहानी लिखी है। उन्होंने कहा, “गांव-गांव में सड़कें बनीं, बिजली 24 घंटे मिल रही है, पलायन रुका है और लोग अब गांव में ही रोजगार कर रहे हैं। यही बदला हुआ बिहार है।” उन्होंने बताया कि राज्य का बजट अब 3.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और जीडीपी 10 लाख करोड़ रुपये के पार है।
नामांकन में दिखेगी एनडीए की ताकत
सम्राट चौधरी के नामांकन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, गिरिराज सिंह और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा शामिल होंगे। नामांकन के बाद गाजीपुर मैदान में एक शक्ति प्रदर्शन जनसभा आयोजित की जाएगी, जहां सम्राट चौधरी भाजपा की जीत का शंखनाद करेंगे।
परिवार का गहरा राजनीतिक इतिहास
तारापुर विधानसभा सीट से सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी (Shakuni Chaudhary) छह बार विधायक रह चुके हैं, जबकि उनकी मां भी एक बार यहां से जीती थीं।
इस सीट पर 2010 से जेडीयू का कब्जा रहा है। 2021 के उपचुनाव में भी जेडीयू ने जीत दर्ज की थी।
हालांकि, 2025 के चुनाव में सीट एनडीए गठबंधन के तहत भाजपा के खाते में आई है और इस बार भाजपा पहली बार कमल खिलाने का दावा कर रही है।
तारापुर का सियासी समीकरण
तारापुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 3.10 लाख मतदाता हैं। यहां कुशवाहा (कोइरी) समुदाय का बड़ा प्रभाव है, जबकि अनुसूचित जाति के 15.1% और मुस्लिम मतदाताओं के 6.8% वोट हैं। वैश्य समाज के करीब 40 हजार मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
राजनीतिक रूप से तारापुर में शकुनी चौधरी परिवार का दबदबा लंबे समय से कायम रहा है।
2020 के चुनाव में जेडीयू ने मारी थी बाजी
2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने 64,468 वोट पाकर आरजेडी प्रत्याशी दिव्या प्रकाश को हराया था।उपचुनाव में जेडीयू ने राजीव कुमार सिंह को मैदान में उतारा था, जिन्होंने 79,090 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर दांव लगाया है, जबकि महागठबंधन अब तक अपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पाया है।
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