नई इमारतों के नामकरण पर की गई टिप्पणी
PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सांसदों के नए फ्लैट्स (Flats) के उद्घाटन समारोह में इमारतों के नामों को लेकर कहा कि कुछ लोगों को इनमें भी “बिहार चुनाव” नजर आ सकता है।
सांसदों के फ्लैट्स को मिले खास नाम
नई संसद आवास परियोजना के तहत तैयार किए गए फ्लैट्स को भारतीय नदियों के नाम पर रखा गया है, जैसे – कोसी, गंडक, कमला आदि।
पीएम मोदी ने किया नामों के चयन का बचाव
प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि ये नाम भारत की महान नदियों और संस्कृति का प्रतीक हैं, और इन्हें किसी राजनीतिक एजेंडे से जोड़ना गलत होगा।
PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए नवनिर्मित टाइप-VII के 184 बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम आवासीय परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। पीएम मोदी फ्लैट बनाने वाले श्रमजीवियों से बातचीत करेंगे और उपस्थित लोगों को संबोधित भी किया। इन फ्लैट्स के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे।
PM मोदी ने बताए टॉवर्स के नाम
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस रिहायशी कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन का अवसर मिला है। इन 4 टॉवर्स के नाम भी बहुत सुंदर हैं- कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली, भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जन प्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी।”
आगे उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को परेशानी भी होगी कि कोसी नदी पर एक टॉवर का नाम रखा है। तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा…नदियों के नामों की परंपरा देश की एकता के सूत्र में हमें बांधती है।”
क्यों बनाई गई हाईराइज बिल्डिंग?
बता दें कि ये नए फ्लैट्स इसलिए बनाए गए क्योंकि सांसदों के लिए आवास की कमी थी। सीमित जमीन होने के कारण यहां ऊंची इमारतों का निर्माण किया गया, जिससे जगह का बेहतर इस्तेमाल हो और रखरखाव का खर्च कम हो। हर फ्लैट करीब 5 हजार स्क्वायर फीट के कारपेट एरिया का है, जिसमें सांसदों के रहने के साथ-साथ उनके दफ्तर, स्टाफ के कमरे और सामुदायिक केंद्र की सुविधा भी है। ये सभी इमारतें भूकंप-रोधी हैं और सुरक्षा के लिए मजबूत इंतजाम किए गए हैं।
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं नए फ्लैट्स
- नए फ्लैट्स में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा बचाने वाला है।
- इन फ्लैट्स में मोनोलिथिक कंक्रीट और एल्यूमिनियम शटरिंग का इस्तेमाल किया गया, जिससे बिल्डिंग मजबूत बनी और समय पर काम पूरा हुआ।
- यह कॉम्प्लेक्स दिव्यांग-हितैषी है, ताकि सभी लोग आसानी से इसका उपयोग कर सकें।
- हर फ्लैट लगभग 5,000 वर्ग फुट का है, जिसमें सांसदों के रहने और काम करने दोनों के लिए भरपूर जगह है।
- परिसर में कार्यालयों, कर्मचारियों के आवास और एक कम्युनिटी सेंटर के लिए भी अलग से जगह दी गई है, जिससे सांसदों को अपना काम करने में मदद मिलेगी।
मोदी जी कितने पढ़े-लिखे हैं?
किशोरावस्था में अपने भाई के साथ एक चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और विज्ञान स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
मोदी ने अपनी पत्नी को क्यों छोड़ा?
नरेंद्र मोदी के भाई सोमाभाई मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि यह तय की गई शादी मोदी पर उनके परिवार द्वारा ज़बरदस्ती थोपी गई थी। उन्होंने कहा कि यह शादी कभी पूरी नहीं हुई और शादी के तुरंत बाद मोदी उसे छोड़कर चले गए।