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Bihar में बनेगा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो, जब्त होगी नशे के सौदागरों की संपत्ति

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Bihar में बनेगा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो, जब्त होगी नशे के सौदागरों की संपत्ति

पटना. बिहार में नशा और ड्रग्स के खिलाफ बिहार पुलिस (Bihar Police) बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. जल्द ही राज्यस्तर पर मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) का गठन होगा. स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NNCB) वर्तमान में एसटीएफ के अंतर्गत कार्यरत कार्य कर रहे नारकोटिक्स सेल से बिल्कुल अलग होगा. स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन करनेवाला बिहार तीसरा राज्य होगा. इससे पहले पंजाब और हरियाणा पुलिस के अधिन इसका गठन किया गया है.

एडीजी स्तर के अधिकारी करेंगे नेतृत्व

डीजीपी विनय कुमार (DGP Vinay kumar) के मुताबिक एसएनबीसी नशा के धंधेबाजों और नशा करनेवालों पर चौतरफा कार्रवाई करेगी. विनय कुमार ने कहा कि जल्द ही इसका गठन किया जाएगा. एसएनसीबी के कार्यक्षेत्र, उसके अधिकार, कार्यप्रणाली, अफसरों की तैनाती, अन्य विभागों से समन्वय आदि गतिविधियों को लेकर सभी तैयारी पूरी हो चुकी है. अगले सात दिनों के भीतर इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. एडीजी स्तर के अधिकारी इसकी अगुवाई करेंगे.

नशे के सौदागरों पर कसेगी नकेल

नशा के धंधेबाजों की एक ओर जहां संपत्ति जब्त होगी, वहीं फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से उनको जल्द से जल्द सजा दिलाने का भी काम होगा. इसमें स्वास्थ्य विभाग की भी मदद ली जाएगी. युवाओं को नशा से मुक्ति दिलाने, आदत छुड़ाने के लिए चिकित्सकों और नशा विमुक्ति केंद्र के विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाएगी. बिहार में नशे के धंधेबाजों का नेटवर्क युवाओं को अपने चंगुल में फंसाने की सुनियोजित साजिश रच रहा है. गैरकानूनी हथियारों का सप्लाई चैन भी इन नशा करनेवाले युवाओं से ही तैयार हो रहा है !


नारकोटिक्स अधिकारी का क्या काम होता है?

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), भारत की आधिकारिक वेबसाइट पर आपका स्वागत है। मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में देश की प्रमुख एजेंसी के रूप में, NCB मादक दवाओं और मनोदैहिक पदार्थों के खतरे को खत्म करके हमारे समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।


नारकोटिक्स में कौन सी धारा लगती है?

अगर नशेड़ी पूरा इलाज नहीं करवाता है तो यह छूट वापस ली जा सकती है (धारा 64क)। अपराधी : केंद्र या राज्य सरकारें किसी मामले में अपराधी से साक्ष्य प्राप्त करने के लिए उसे प्रतिरक्षा प्रदान कर सकती हैं। यह प्रतिरक्षा सरकार द्वारा दी जाती है, न कि न्यायालय द्वारा (धारा 64)।

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