Terrorism पर G7 में पीएम मोदी ने ली सख्त स्टैंड G7 मंच से आतंक के खिलाफ वैश्विक संदेश
इटली में आयोजित G7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Terrorism के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंक को शह और समर्थन देने वाले देशों को इसकी कीमत चुकानी होगी। मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनियाभर में आतंकी गतिविधियों में इजाफा देखा जा रहा है।
Terrorism के खिलाफ भारत की वैश्विक नीति
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि:
- आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है
- आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग करना जरूरी
- भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है
- साइबर आतंक और फंडिंग पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है

Terrorism के विरुद्ध सहयोग की अपील
मोदी ने वैश्विक नेताओं से अपील की कि सभी देशों को एकजुट होकर Terrorism के खिलाफ लड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ बयान देने से कुछ नहीं होगा, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे।
भारत की भूमिका को मिला समर्थन
G7 के मंच से मोदी के बयान को कई देशों का समर्थन भी मिला। अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश पहले ही आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण से सहमत हैं। भारत की यह छवि अब वैश्विक स्तर पर एक मजबूत और निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित हो रही है।

Terrorism के खिलाफ भारत का रिकॉर्ड
भारत ने वर्षों से आतंक के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है।
चाहे वह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद हो या घरेलू चरमपंथ — भारत की नीति हमेशा स्पष्ट रही है।
G7 में मोदी की यह बात उसी नीति की निरंतरता है।
PM मोदी का संदेश: दो टूक और प्रभावशाली
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान न केवल भारत की तरफ से बल्कि उन तमाम देशों की तरफ से था जो Terrorism से पीड़ित हैं।
उनका यह दो टूक रुख आने वाले दिनों में वैश्विक सुरक्षा नीतियों को प्रभावित कर सकता है।