भारत की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन अब जल्द ही ट्रैक पर दौड़ने के लिए तैयार है, जिससे यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित सफर का नया अनुभव मिलेगा।
लंबी दूरी की यात्रा के लिए विशेष डिजाइन
- 16 आधुनिक स्लीपर कोच
- आरामदायक बर्थ और उन्नत इंटीरियर
- बेहतर सुरक्षा और सुविधाएँ
160 kmph टॉप स्पीड
- तेज रफ्तार के कारण यात्रा का समय कम होगा
- दिल्ली–पटना रूट पर सफर पहले से कहीं तेज
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में सफर करने की चाह रखने वाले यात्रियों का सपना इस महीने पूरा होने जा रहा है. देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राष्ट्रीय राजधानी (Delhi and Patna) दिल्ली और पटना के बीच दौड़ेगी. उम्मीद जताई जा रहा है कि दिसंबर के आखिर तक यह ट्रेन यात्रियों की सेवा में शुरू हो जाएगी. बीते कई सालों से यात्री इसके इंतजार में थे. अब वंदे भारत ट्रेन सिर्फ रफ्तार में ही नहीं बल्कि आराम के मामले में भी बेहतर अनुभव देगी।
बेंगलुरु स्थित भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) फैक्ट्री में (Vande Bharat) वंदे भारत एक्सप्रेस स्लीपर ट्रेन के दो अत्याधुनिक रैकों की फिनिशिंग का काम तेजी से किया जा रहा है. प्रत्येक रैक में 16 कोच होंगे. इनमें से एक रैक की फिनिशिंग पूरी कर ली गई है, जिसे 12 दिसंबर को उत्तर रेलवे के लिए बेंगलुरु से रवाना किया जाएगा. इसके बाद इस रैक का दिल्ली और पटना के बीच ट्रायल रन कराया जाएगा।
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स्लीपर ट्रेन में होंगे 827 बर्थ

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच होंगे, जिनमें एसी थर्ड टियर के 11 कोच, एसी सेकंड टियर के 4 कोच और एसी फर्स्ट क्लास का 1 कोच शामिल होगा. ट्रेन में सभी श्रेणियों के कुल 827 बर्थ होंगे. रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, इस महीने के आखिर तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के परिचालन शुरू करने की तैयारी है. वर्तमान में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ही यह स्लीपर ट्रेन भी सप्ताह में छह दिन चलेगी।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी ट्रेन
यह ट्रेन पटना से नई दिल्ली शाम को रवाना होगी और अगले दिन सुबह दिल्ली पहुंचेगी. वापसी में भी इसका संचालन इसी समय-सारिणी के अनुरूप दिल्ली से किया जाएगा. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं दी गई हैं. इनमें ऑटोमेटिक डोर, बायो-टॉयलेट, सीसीटीवी कैमरे, रीडिंग लाइट्स और आरामदायक इंटीरियर शामिल हैं. ट्रेन की अधिकतम स्पीड़ 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी।

इसी के हिसाब से ट्रेन को डिजाइन किया गया है. सुरक्षा के लिहाज से इसमें कवच सिस्टम और क्रैश-प्रूफ तकनीक जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, ताकि हादसे की कोई संभावना ना हो।
भारत स्लीपर में कितने डिब्बे हैं?
4 वंदे भारत ट्रेनें जो फिलहाल 8 डिब्बों के साथ चल रही हैं उन्हें 16 डिब्बों वाली ट्रेन में बदल दिया जाएगा. इस बदलाव के बाद जो पुराने 16 और 8 डिब्बों वाली रेक्स खाली होंगी, उनका इस्तेमाल रेलवे नई वंदे भारत सेवाओं को शुरू करने में करेगा.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कब शुरू होगी?
गोरखपुर से दिल्ली के बीच स्लीपर चलाने का प्रस्ताव है। रेलवे मंत्रालय दिसंबर 2025 से स्लीपर वंदे भारत चलाने की तैयारी में है, जो राजधानी एक्सप्रेस से बेहतर होगी। इसमें यात्रियों को कई आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।2
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