हैदराबाद : तेलंगाना के सीएम मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी (A. Revanth Reddy) ने कहा कि भविष्य में तेलंगाना की शिक्षा नीति देश के लिए (Model for the country) एक आर्दश उदारहण बनेगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नई तेलंगाना शिक्षा नीति (टीईपी), जिसे ज़मीनी हकीकत, अध्ययन और भविष्य की ज़रूरतों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, भविष्य में देश की शिक्षा के लिए एक आदर्श उदाहरण होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति को छात्रों को दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तीनों बुनियादी ज़रूरतें प्रदान करनी चाहिए।
गरीबी उन्मूलन का एकमात्र हथियार शिक्षा : रेवंत रेड्डी
तेलंगाना शिक्षा नीति रिपोर्ट के निर्माण पर आयोजित एक बैठक में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में संपूर्ण शिक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। चूँकि गरीबी उन्मूलन हेतु गरीब वर्गों को वितरित करने के लिए आवश्यक भूमि और धन की उपलब्धता नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी उन्मूलन का एकमात्र हथियार ज़रूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा शिक्षा के महत्व को पहचाने जाने और देश में विश्वविद्यालयों और आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना का स्मरण करते हुए, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने चिंता व्यक्त की कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के लागू होने के बाद देश और दुनिया भर में पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रतिभाशाली व्यक्तियों का निर्माण नहीं कर रही है। देश में उदारीकरण की नीतियों के लागू होने से पहले अवसर सीमित थे।
लाखों इंजीनियरों में से 10 प्रतिशत से भी कम को नौकरी : सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों के आगमन के कारण हमारे युवाओं की एक बड़ी संख्या सॉफ्टवेयर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। हालाँकि, लाखों उत्तीर्ण इंजीनियरों में से 10 प्रतिशत से भी कम को नौकरी मिल पा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मुख्य कारण पर्याप्त कौशल का अभाव है। उन्होंने कहा कि किसी विशेष क्षेत्र में कौशल बढ़ाने के अलावा, शिक्षा क्षेत्र में भी व्यापक सुधार की आवश्यकता है ताकि अन्य क्षेत्रों में भी अवसर पैदा हो सकें। वर्तमान लचर शिक्षा व्यवस्था की व्याख्या करते हुए, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के लिए भारी धनराशि आवंटित करने के बावजूद, सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है।

निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी तक शिक्षा प्रदान करते हैं और सरकारी स्कूल केवल कक्षा एक से शुरू होते हैं। जिन बच्चों ने नर्सरी के लिए निजी स्कूलों में दाखिला लिया था, वे सरकारी स्कूलों में जाने को तैयार नहीं हैं। अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में इसलिए करा रहे हैं क्योंकि वहाँ छात्रों पर पर्याप्त ध्यान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर निजी संस्थानों में भी ऐसा ही माहौल और छात्रों पर ध्यान दिया जाए, तो अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराएँगे और तेलंगाना शिक्षा नीति बनाते समय इस पहलू को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
शिक्षा नीति रिपोर्ट के निर्माण पर आयोजित बैठक में शामिल हुए कई शिक्षाविद्
आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर बी.एस. मूर्ति ने कहा कि वे स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं और एक ही वर्ष में 180 पेटेंट प्राप्त किए हैं। प्रोफेसर हरगोपाल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली केवल कौशल प्राप्त करने के बारे में नहीं होनी चाहिए, बल्कि लोगों को उत्कृष्ट इंसान बनाने के बारे में भी होनी चाहिए। राज्य के मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव, विधान पार्षद ए.वी.एन. रेड्डी, श्रीपाल रेड्डी, शिक्षाविद् मोहन गुरुस्वामी, प्रोफेसर सुब्बाराव, सीआईआई शेखर रेड्डी, उन्नत विद्या मंडली के अध्यक्ष बालकिष्ट रेड्डी, अक्षरवनम माधव रेड्डी, शिक्षा आयोग के अध्यक्ष अकुनुरी मुरली, प्रोफेसर गंगाधर, सेवानिवृत्त आईएएस मिन्नी मैथ्यू, श्रीमती रंजीव आचार्य, प्रोफेसर शांता सिन्हा और अन्य ने बैठक में बात की। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. शेषाद्रि, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव बी. अजित रेड्डी, अधिकारी जयेश रंजन, श्रीदेव सेना, कृष्णा आदित्य, नवीन निकोलस और अन्य भी उपस्थित थे।
तेलंगाना में नई शिक्षा नीति क्या है?
तेलंगाना में नई शिक्षा नीति (Telangana Education Policy – TEP) अभी विकास के चरण में है।
Telangana की शिक्षा प्रणाली क्या है?
10+2 प्रणाली (स्कूल + इंटरमीडिएट + उच्च शिक्षा)
प्रमुख बोर्ड: SSC (10वीं), Board of Intermediate Education
माध्यम: तेलुगु, उर्दू, और अंग्रेज़ी
उच्च शिक्षा संस्थान: Osmania University, JNTU, NIT, IIIT, ISB, etc.
वर्तमान में कौन सी शिक्षा नीति चल रही है?
भारत में वर्तमान में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020)” लागू है।
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