पटना, । बिहार में बिजली कटौती और पीक आवर्स (Peak Hours) की समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार राज्य पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (Bihar State Power Transmission Company Limited) ने 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में 125 एमडब्ल्यू क्षमता वाले 500 एमडब्ल्यूएच बैटरी इनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने का काम शुरू कर दिया है।
कैसे करेगा काम बैटरी स्टोरेज सिस्टम
बैटरी स्टोरेज सिस्टम (Battery Storage System) से बिजली को स्टोर करके पीक डिमांड के समय रिलीज किया जाएगा, जो रिन्यूएबल एनर्जी को ग्रिड में एकीकृत करने में मदद करेगा। बिहार में सौर और पवन ऊर्जा का विस्तार हो रहा है लेकिन इनकी अनियमितता से ग्रिड पर दबाव पड़ता है।
18-20 महीनों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट 18-20 महीनों में पूरा होगा और वीजीएफ के तहत प्रति एमडब्ल्यूएच 27 लाख रुपये या 30 प्रतिशत कैपिटल कॉस्ट (जो कम हो) की सहायता मिलेगी। इससे बिजली कटौती कम होगी और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सप्लाई मिलेगी।
ऊर्जा मंत्री ने दी जानकारी
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बुधवार को विभिन्न कंपनियों के साथ हुए समझौते के दौरान कहा कि यह परियोजना राज्य की ऊर्जा संरचना को नई दिशा देगी। केंद्र सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के तहत 135 करोड़ रुपये की सहायता मिली है और जमा बिजली को पीक आवर्स में चार घंटे तक सप्लाई किया जाएगा।
कंपनियों को बांटे गए काम
यह परियोजना बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा मार्च 2025 में जारी निविदा के बाद पूरी हुई है। बताया गया है कि छह प्रमुख कंपनियों को विभिन्न स्थानों पर कार्य सौंपा गया है।
- प्रोस्टारिम इन्फो सिस्टम्स लिमिटेड – फतुहा, जहानाबाद, रफीगंज, सीवान, बांका और किशनगंज
- बार्ब्रिक प्रोजेक्ट लिमिटेड – मुजफ्फरपुर, अष्ठावन, जमुई
- सूर्यम इंटरनेशनल – मोतिहारी
- कुंदन ग्रीन इनर्जी – बेतिया
- हिन्दुस्तान थर्मल प्रोजेक्ट्स – भागलपुर, उदाकिशनगंज और सीतामढ़ी
- सात्विक – शिवहर
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मंत्री ने कहा कि सरकार निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है और यह प्रोजेक्ट बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा।
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