नियमित रूप से हॉस्टल में घुसते थे कांग्रेस नेता
संगारेड्डी। नारायणखेड़ स्थित बीसी आवासीय बालिका छात्रावास से यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिसमें छात्राओं और उनके अभिभावकों ने एक कांग्रेस नेता (Congress leader), जो वार्डन का बेटा भी है, पर बार-बार अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है। सोमवार रात नारायणखेड़ (Narayankheda) पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में छात्राओं ने आरोप लगाया कि हॉस्टल वार्डन सारदा के बेटे और नारायणखेड़ नगरपालिका के पूर्व कांग्रेस पार्षद राजेश चव्हाण नियमित रूप से हॉस्टल में घुसते थे, उन्हें अनुचित तरीके से छूते थे और सोते समय उनकी तस्वीरें लेते थे।
राजनीतिक प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की
कई बार शिकायत के बावजूद, शारदा या छात्रावास के कर्मचारियों ने कथित तौर पर राजेश के राजनीतिक प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायत के अनुसार, वह अक्सर नशे की हालत में परिसर में घुस जाता था, जिससे छात्रावास में रहने वाले, आस-पास के पॉलिटेक्निक और डिग्री कॉलेजों के छात्र, सदमे में और भयभीत हो जाते थे। छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने राजेश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो हॉस्टल की कर्मचारी लक्ष्मी और रेणुका ने उनके साथ गाली-गलौज की।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब लड़कियों ने अपने माता-पिता को अपनी आपबीती बताई, और फिर उनके माता-पिता भी शिकायत दर्ज कराने में उनके साथ शामिल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और वार्डन सारदा को पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है। छात्राओं के बयान दर्ज करने के लिए मंगलवार को छात्रावास का निरीक्षण किया जाएगा।

उत्पीड़न के 3 प्रकार क्या हैं?
तीन मुख्य प्रकार हैं: (1) शारीरिक उत्पीड़न, जिसमें मारपीट या शारीरिक चोट शामिल है। (2) मानसिक उत्पीड़न, जिसमें धमकी, अपमान या मानसिक तनाव देना होता है। (3) यौन उत्पीड़न, जिसमें अवांछित यौन व्यवहार या छेड़छाड़ होती है।
शारीरिक उत्पीड़न की परिभाषा क्या है?
इसका मतलब है किसी व्यक्ति को जानबूझकर शारीरिक दर्द, चोट या कष्ट पहुंचाना। इसमें मारपीट, थप्पड़ मारना, लात-घूंसे चलाना या किसी भी तरह की हिंसात्मक हरकत शामिल होती है। यह भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है।
भारत में उत्पीड़न की सजा क्या है?
उत्पीड़न की सजा भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दी जाती है। धारा 354A के तहत यौन उत्पीड़न पर 1 से 3 साल तक की सजा और जुर्माना है। घरेलू उत्पीड़न पर धारा 498A के तहत 3 साल तक जेल और जुर्माना हो सकता है।
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