आंखें मूंदकर बैठी है उत्तराखंड सरकार : एसटी हसन
समाजवादी पार्टी (SAPA) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन (S.T.Hasan) ने आज कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों की धार्मिक पहचान करने में लगे कुछ हिंदू संगठनों की हरकतों की कड़ी निंदा की। ऐसी हरकतों को उन्होंने आतंकवाद के बराबर बताया। हसन ने कहा कि होटल कर्मचारियों और स्थानीय विक्रेताओं से उनके नाम बताने के लिए कहना और उन्हें अपने धर्म की पहचान के लिए कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, यह पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई हरकतों से अलग नहीं है। यह भी आतंकवाद का ही एक रूप है। हसन ने आरोप लगाया कि खुलेआम ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जबकि उत्तराखंड सरकार आंखें मूंदकर बैठी है।
केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल हस्तक्षेप करने का हसन ने किया आह्वान
हसन का कहना है कि राज्य सरकार इन कृत्यों का चुपचाप समर्थन कर रही है। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है, इसे रोका जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में कथित तौर पर स्वयंसेवकों को लोगों को उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया है। हसन ने केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की सांप्रदायिक प्रथाओं पर रोक लगाई जाए। यह टिप्पणी उत्तराखंड के कई शहरों में स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा कथित तौर पर भोजनालय कर्मचारियों की पहचान की जाँच करने और मुस्लिम होने का संदेह होने पर उन्हें निशाना बनाने की खबरों के बीच आई है।

पंजीकरण प्रमाण पत्र की साफ प्रति करनी होगी प्रदर्शित
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के लिए खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त आर.राजेश कुमार (R. Rajesh Kumar)ने बताया कि यात्रा मार्ग पर स्टॉल पर खाने-पीने की चीज़ें बेचने वालों को, होटल व ढाबा मालिकों तथा ठेले वाले को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र की साफ प्रति अपने प्रतिष्ठान में प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करनी होगी, ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से देख सकें।
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