बेटी के नाम पर था जमीन का कुछ हिस्सा
हैदराबाद। पूर्व आईएएस (IAS) अधिकारी आरपी सिंह को एक मामले के सिलसिले में केंद्रीय अपराध स्टेशन के अधिकारियों ने हिरासत में लिया। जानकारी के अनुसार, मामला रायदुर्गम क्षेत्र के खाजागुडा में स्थित एक जमीन से संबंधित है, जिसके स्वामित्व पर आरपी सिंह और उनकी पत्नी हरविंदर सिंह (Harvinder Singh) ने दावा किया था। यह ज़मीन पहले एक व्यावसायिक परिसर के लिए हुए समझौते के तहत एक निर्माण कंपनी को दी गई थी। बाद में, कंपनी को पता चला कि ज़मीन का कुछ हिस्सा उनकी बेटी के नाम पर था। हालाँकि, बाद में यह दान-पत्र रद्द कर दिया गया।
सीसीएस को स्थानांतरित कर दिया गया मामला
कंपनी ने 2023 में रायदुर्गम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि पूर्व आईएएस अधिकारी ने इस मामले को छुपाकर विकास के लिए दे दिया। मामला सीसीएस को स्थानांतरित कर दिया गया। तब तक इस व्यावसायिक परिसर में 700 से ज़्यादा ग्राहक निवेश कर चुके थे। ऋण न मिलने के कारण, व्यावसायिक परिसर का निर्माण पूरा नहीं हो सका। सीसीएस पुलिस ने मामला दर्ज कर सिंह को हिरासत में ले लिया है।
IAS का पुराना नाम क्या था?
इसका पुराना नाम “इंडियन सिविल सर्विस” (ICS) था। यह नाम ब्रिटिश शासनकाल में उपयोग में था। स्वतंत्रता के बाद 1947 में ICS को बदलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) कर दिया गया। यह भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा मानी जाती है।
भारत में कुल कितने IAS अधिकारी हैं?
देश में कुल स्वीकृत IAS अधिकारियों की संख्या लगभग 6,700 है, लेकिन वर्तमान में करीब 5,100 अधिकारी ही कार्यरत हैं। यह संख्या समय-समय पर बदलती रहती है, और केंद्र एवं राज्य सरकारों की जरूरतों के अनुसार पद भरे जाते हैं।
IAS कौन सा अधिकारी होता है?
भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी वह होता है जो UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास कर प्रशासनिक सेवाओं में आता है। यह अधिकारी जिला कलेक्टर, सचिव, आयुक्त आदि जैसे उच्च पदों पर नियुक्त होता है और सरकार की नीतियों को ज़मीन पर लागू करता है।
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