हैदराबाद : तेलंगाना के डीजीपी (Telangana DGP) डॉ. जितेंद्र अपनी सेवानिवृत्ति (Retirement) के आखिरी दिन काफी भावुक दिखें। उन्होंने पुलिसकर्मियों से खास अनुरोध करते कहा कि नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए। सेवानिवृत्ति के अवसर पर, डीजीपी कार्यालय के मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने डीजीपी डॉ. जितेंद्र के लिए उनके कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में विदाई समारोह का आयोजन किया।
14 माह तक तेलंगाना के डीजीपी के रूप में कार्य करना गर्व की बात : डॉ. जितेंद्र
इस अवसर पर बोलते हुए, डीजीपी डॉ. जितेंद्र ने कहा कि उन्हें 14 महीने तक तेलंगाना राज्य के डीजीपी के रूप में कार्य करने पर गर्व है और उन्होंने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग को प्राथमिकता दी है। डीजीपी ने कहा कि चूँकि पुलिसकर्मी भी आम जनता के साथी हैं, इसलिए उन्हें केंद्र में रखकर कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के प्रयासों के कारण, जब वे डीजीपी थे, तब इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना राज्य को भारत में प्रथम स्थान मिला था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना पुलिस विभाग भविष्य में भी ईमानदारी से काम करता रहेगा।
तेलंगाना अलग राज्य बनने के बाद पुलिसकर्मियों का बेहतर प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद पुलिसकर्मी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीजीपी कार्यालय, जो राज्य पुलिस विभाग का मुख्यालय है, के कर्मचारियों की पहचान तभी बन सकती है जब वे कुशलता से काम करें। अतिरिक्त डीजीपी (कानून-व्यवस्था) महेश भागवत ने कहा कि उन्होंने और डीजीपी ने 14 महीने पहले एक ही दिन अतिरिक्त डीजीपी (कानून-व्यवस्था) के रूप में कार्यभार संभाला था।
उन्होंने कहा कि डीजीपी के कर्तव्यों के निर्वहन में जनता से फीडबैक के लिए क्यूआर कोड, स्टेशन हाउस ऑफिसर्स मीट, यंग इंडिया स्कूल की स्थापना, पर्यटन पुलिस और इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना को प्रथम स्थान जैसे कई कदम उठाए गए हैं। विदाई सभा में मल्टी-जोन आईजीपी एस चंद्रशेखर रेड्डी, तफ़सीर इकबाल, आईजीपी एम रमेश, रमेश नायडू, एम श्रीनिवासुलु, सीआईडी एसपी नवीन कुमार, डीजीपी ऑफिस मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सी. पवन, महासचिव हरिणी, सांस्कृतिक सचिव शिवरंजनी, अधिकारी, कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हुए।
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