हैदराबाद : हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस (Cyber Crime Police) ने मूवी पाइरेसी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और पाँच प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया। पाइरेसी भारतीय फिल्म उद्योग (Indian film industry ) पर गहरा प्रभाव डालती विकास में बाधा आती है। 2023 में, भारतीय मनोरंजन उद्योग को पाइरेसी के कारण अनुमानित 22,400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसमें सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफॉर्म, दोनों से पायरेटेड सामग्री के कारण होने वाला नुकसान शामिल है।
पांच प्रमुख आरोपी गिरफ्तार, 22,400 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका : पुलिस
हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने इस कार्रवाई में पांच प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और अवैध संचालन में सहायता करने वाले पांच अन्य को नोटिस जारी किया गया है। यह रैकेट नई रिलीज़ हुई तेलुगु फिल्मों की पायरेसी और वितरण में शामिल था, जिससे भारतीय फिल्म उद्योग को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। 2023 में पायरेसी के कारण अनुमानित 22,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। गिरफ्तार संदिग्धों में बिहार के अश्विनी कुमार (21), तमिलनाडु के सिरिल इन्फैंट राज अमलादोस (32), हैदराबाद के जन किरण कुमार (29), तमिलनाडु के सुधाकरन (31) और गोवा के अरसलान अहमद (23) शामिल हैं।

टीएफसीसी के एंटी-वीडियो पाइरेसी सेल की शिकायतों के बाद हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई तेलुगु फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (टीएफसीसी) के एंटी-वीडियो पाइरेसी सेल की शिकायतों के बाद की गई। जांच में पता चला कि पायरेटेड कॉपीज़ कुख्यात पाइरेसी वेबसाइटों पर अपलोड की जा रही थीं। हैदराबाद पुलिस आयुक्त सी.वी. आनंद ने बताया कि यह अभियान देश में सबसे महत्वपूर्ण एंटी-पायरेसी कार्रवाइयों में से एक है। उन्होंने बताया कि पायरेसी नेटवर्क सिनेमाघरों में कैम-रिकॉर्डिंग और स्टूडियो/डिजिटल मीडिया सर्वरों को हैक कर पायरेटेड सामग्री वितरित करता था। टोरेंट वेबसाइटों, टेलीग्राम चैनलों और अवैध स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म इसका माध्यम थे, और भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किया जाता था।
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