हैदराबाद : श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर, चारमीनार, हैदराबाद का छह दिवसीय दीपावली महोत्सव आज शनिवार से शुरू हो गया। शनिवार को धनतरस के दिन 18 अक्टूबर को प्रात 7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन (First Darshan )आरंभ हुआ। रात्रि 7:01 बजे से माताजी के दीपदर्शन (Deep Darshan) हुए। दर्शन रात्रि 11:30 बजे बंद कर दिए गए।
7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन आरंभ होंगे
इसी क्रम में श्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर में नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर रविवार को प्रात 7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन आरंभ होंगे। रात्रि 7:01 बजे से माताजी के दीपदर्शन होंगे। दर्शन रात्रि 11:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर की ट्रस्टी सुश्री शशिकला ने बताया कि दीपावली के दिन 20 अक्टूबर को प्रात 7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन आरंभ होंगे। रात्रि 7:01 बजे महा-आरती एवं माँ के मनमोहक दर्शन शुरू होगा। दर्शन रात्रि 7:00 बजे महा-आरती के पश्चात खजाना सभी भक्तों में सम्पूर्ण रात्रि वितरित किया जाएगा और 21 अक्टूबर की सम्पूर्ण रात्रि भी खजाना वितरित किया जाएगा। गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को प्रातः 7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन आरंभ होंगे एवं रात्रि 11:30 बजे तक खजाना वितरित किया जाएगा। दर्शन रात्रि ठीक 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे।

भाई दूज पर भी होगे कई कार्यक्रम
इसी क्रम में भाई दूज 23 अक्टूबर को प्रातः 7:00 बजे आरती से प्रथम दर्शन आरंभ होंगे एवं रात्रि 11:30 बजे तक खजाना वितरित किया जाएगा। दर्शन रात्रि ठीक 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे। धनतेरस से ही श्री भाग्लयक्ष्मी मंदिर में भारी संख्या में भक्ति दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं। पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए है। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भी कई व्यवस्थाएं की है। 6 दिन की उत्सव के दौरान भाग्यलक्ष्मी माता के अलौकिक श्रृंगार जा रहा है।
हैदराबाद में भाग्यलक्ष्मी मंदिर का इतिहास क्या है?
भाग्यलक्ष्मी मंदिर एक छोटा लेकिन अत्यंत प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो हैदराबाद के ऐतिहासिक स्मारक चारमीनार की दीवार से सटा हुआ स्थित है।
भाग्यलक्ष्मी मंदिर कहाँ स्थित है?
तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित है।
यह शहर के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल चारमीनार के बिलकुल पास, उसी परिसर की दीवार से सटा हुआ है।
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