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Request : नाग पंचमी पर सांपों की रक्षा करने और क्रूरता से बचने का आग्रह

Kshama Singh
Kshama Singh
Request : नाग पंचमी पर सांपों की रक्षा करने और क्रूरता से बचने का आग्रह

सांपों को नुकसान पहुंचाने से बचने और सपेरों पर नजर रखने का किया आग्रह

हैदराबाद। 29 जुलाई को नाग पंचमी मनाए जाने के मद्देनजर ग्रेटर हैदराबाद (Hyderabad) सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (GHHPCA) ने शुक्रवार को लोगों से सांपों को नुकसान पहुंचाने से बचने और सपेरों पर नजर रखने का आग्रह किया। लगभग दो दशकों से, जीएचएसपीसीए नाग पंचमी के दौरान घायल या क्षतिग्रस्त सांपों को बचाने, उनका इलाज करने और उन्हें वापस छोड़ने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। इस प्रक्रिया में, अब तक, पशु कल्याण संगठन ने त्योहार के दौरान 5,276 सांपों को बचाया है।

बिना किसी भोजन के बंद, अंधेरे कमरों में रखा जाता है

जीएचएसपीसीए के समन्वयक, सौधर्म भंडारी कहते हैं कि ‘नाग पंचमी से एक-दो महीने पहले, सपेरे नागों को पकड़कर उन पर अत्याचार करते हैं। उनके विषदंत और विषग्रंथियाँ ज़बरदस्ती निकाल दी जाती हैं और मुँह सिल दिए जाते हैं। उन्हें बिना किसी भोजन के बंद, अँधेरे कमरों में रखा जाता है। कई साँप मर जाते हैं और बचे हुए साँपों को नाग पंचमी के दौरान लोगों के सामने लाया जाता है और उन्हें दूध पिलाया जाता है। कुछ समय बाद, ये साँप अपच के कारण मर जाते हैं।’

सांपों

2024 में केवल 11 रह गई सांपों की संख्या

जीएचएसपीसीए, वन विभाग और टीएस तथा एपी में अन्य पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर, विशेष रूप से ग्रेटर हैदराबाद में, हर साल नाग पंचमी के दिन सांपों को रोकने और बचाने के लिए छापेमारी और बचाव कार्य करता है। उन्होंने कहा, ‘लगातार प्रयासों के कारण, नाग पंचमी के दौरान बचाए गए सांपों की संख्या 200 से घटकर 2024 में केवल 11 रह गई है।

हर साल, हमारे स्वयंसेवक नाग पंचमी के दिन शालीबंदा, हुसैनी आलम, गौलीपुरा, बेगम बाजार, दूधबावली, लाल दरवाजा, रामकोटी, मोगलपुरा और कमाटीपुरा जैसे क्षेत्रों में सांपों को बचाते हैं।’ इस तरह के कृत्यों के माध्यम से सांपों को नुकसान पहुंचाना एक अपराध है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक गैर-जमानती अपराध है, अगर कोई ऐसा करता है या इसका अनुसरण करता है तो उसे दंडनीय माना जाएगा।

नाग पंचमी का इतिहास क्या है?

नाग पंचमी का इतिहास प्राचीन हिंदू काल से जुड़ा है। यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसका संबंध सांपों की पूजा से है, जो प्रकृति और देवताओं के रूप माने जाते हैं। वेदों और पुराणों में नागों को शक्तिशाली और पूजनीय माना गया है।

नाग पंचमी की असली कहानी क्या है?

नाग पंचमी की प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक किसान के पुत्र ने गलती से सांप के बच्चों को मार दिया। बदले में नाग ने पूरे परिवार को डस लिया, केवल बहन बची। बहन ने पंचमी के दिन नागों की पूजा कर क्षमा मांगी। नाग प्रसन्न हुआ और परिवार को जीवनदान दे दिया। तब से यह पर्व मनाया जाता है।

नाग पंचमी मनाने के पीछे क्या कारण है?

नाग पंचमी मनाने का मुख्य कारण है सांपों के प्रति सम्मान, रक्षा की भावना और प्रकृति के साथ सामंजस्य। खेतों में काम करने वाले किसान और ग्रामीण सांपों से सुरक्षा की कामना करते हैं। साथ ही, यह वर्षा ऋतु में भूमि के नीचे रहने वाले जीवों की रक्षा के प्रतीक रूप में भी देखा जाता है।

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