कीव। यूक्रेन के साथ 40 महीने से युद्ध में उलझे रूस (Russia) को तगड़ा झटका लगा है। यूक्रेन (Ukraine) ने ड्रोन हमला करते हुए रूस के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence System) को भेदने में कामयाबी पा ली है। यह सिस्टम रूस को हवाई हमलों से बचाने के लिए सबसे अहम हथियार है।
एस-400 की क्षमताओं पर उठते सवाल चिंता बढ़ाने वाले हैं
भारत सहित कई दूसरे देशों को रूस ने ये सिस्टम बेचा है। इसके बाद अब भारत के लिए भी एस-400 की क्षमताओं पर उठते सवाल चिंता बढ़ाने वाले हैं। यूक्रेन की सैन्य खुफिया एजेंसी ने बताया कि उन्होंने रूस के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के महत्वपूर्ण घटक 91एन6ई बिग बर्ड रडार पर ड्रोन हमला किया है। जीयूआर की घोस्ट्स यूनिट ने ये हमला किया, जिसमें मल्टीफंक्शन रडार और मिसाइल लांचर सहित एस-400 के घटकों को नुकसान पहुंचा।
एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की रीढ़ कहा जाता है
जीयूआर ने क्रीमिया में एस-400 को निशाना बनाने के लिए आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल किया। कम लागत वाले ये ड्रोन रूस के खिलाफ यूक्रेनी सेना का खास हथियार हैं। हमले में यूक्रेन की जीयूआर ने दो 91एन6ई बिग बर्ड रडार को नष्ट किया। यह वार्निंग सिस्टम के तौर पर रूस के एस-400 एयर डिफेंस नेटवर्क के साथ जुड़ते हैं। 91एन6ई बिग बर्ड रडार को रूस के एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम की रीढ़ कहा जाता है। इस बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर स्टील्थ विमानों जैसे हवाई खतरों की जानकारी देने के लिए डिजाइन किया गया है। एस-बैंड फ्रीक्वेंसी में काम करने वाला यह रडार 600 किलोमीटर तक की दूरी तक लक्ष्यों का पता लगाने और ट्रैक करने का काम करता है।
रूस के हवाई रक्षा नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण बनाती है
91एन6ई बिग बर्ड रडार की लक्ष्यों का पता लगाने और ट्रैक करने की क्षमता इसे रूस के हवाई रक्षा नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण बनाती है। पुराने रडार के उलट 91एन6ई इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे का उपयोग करता है। इसके डिजाइन में गतिशीलता (मॉबिलिटी) पर जोर दिया गया है। बिग बर्ड रडार के बिना एस-400 की दूर के लक्ष्यों का पता लगाने और उनको रोकने की क्षमता सीमित हो जाती है।
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