सरकारी खरीद केंद्र: योगी गवर्नमेंट की अन्नदाता के लिए बनाई गई प्रणाली का प्रभाव अब साफ नजर आ रहा है। रबी विपणन साल 2025 से 2026 में गेहूं खरीद केंद्रों पर खेतिहर की साझेदारी में तेज़ी से इजाफा हो रही है। गवर्नमेंट आंकड़ों के मुताबिक, महज 42 दिनों में 4,20,837 किसानों ने पंजीकरण करवा लिया है। इससे यह साबित होता है कि किसानों का गवर्नमेंट खरीद केंद्रों पर विश्वास बढ़ रहा है।
पंजीकरण की प्रक्रिया और किसान सहायता
यूपी गवर्नमेंट ने यह स्पष्ट किया है कि पंजीकरण करने की अंतिम तिथि नहीं है, और जो किसान अभी तक पंजीकरण या नवीनीकरण नहीं करा पाए हैं, वे fcs.up.gov.in पोर्टल या UP किसान मित्र ऐप के माध्यम से अपना पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, गवर्नमेंट ने एक हेल्पलाइन नंबर 18001800150 भी जारी किया है, ताकि खेतियारो की कठिनाइयाँ का फौरन समाधान किया जा सके।
सरकारी खरीद केंद्र: गेहूं खरीद की गति और सुविधाएं
इस साल गेहूं खरीद की प्रक्रिया में पूर्व साल के मुकाबले तेजी देखी जा रही है। अब तक 1.17 लाख खेतियारो से लगभग 6.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। गेहूं की खरीद की प्रक्रिया 17 मार्च से आरंभ हुई थी और 15 जून तक चलता रहेग।

इस वक़्त प्रदेशभर में 5849 क्रय केंद्र सक्रिय हैं, जहां किसान बिना किसी कठिनाई के अपनी पैदावार को बेच सकते हैं। किसानों की सुविधा के लिए केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, छांव, और बैठने की प्रबंध की गई है। इसके साथ ही, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत 2425 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं की खरीद की जा रही है। किसानों को उतराई, छनाई और सफाई के लिए अतिरिक्त 20 रुपये प्रति वजन भी दिए जा रहे हैं।
सरकार की पारदर्शी और किसान समर्थक नीति
योगी गवर्नमेंट का लक्ष्य न केवल किसानों से अत्यधिक गेहूं खरीदना है, बल्कि पारभासी और किसान समर्थक प्रणाली के जरिए उन्हें समय पर भुगतान भी सुनिश्चित करना है। पिछले साल में भी योगी गवर्नमेंट ने गेहूं खरीद में राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की थी।

खाद्य आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को बिना किसी असुविधा के अपनी फसल बेचने और समय पर अदायगी प्राप्त करने में सहायता प्रदान की जाए। इस तरह के प्रयासों से किसानों का विश्वास गवर्नमेंट खरीद व्यवस्था पर लगातार बढ़ता जा रहा है।