संसद भवन तक पहुंचे प्रदर्शनकारी
काठमांडू: सोमवार को नेपाल(Nepal) की राजधानी काठमांडू में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जी(Gen Z) (18 से 30 साल के युवा) का विरोध प्रदर्शन काफी उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर संसद भवन परिसर में घुसने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।
इस दौरान, प्रदर्शनकारी लगातार सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे और पुलिस पर पेड़ की डालियां और पानी की बोतलें फेंक रहे थे। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है।
सोशल मीडिया बैन: सरकार और युवाओं के बीच टकराव
युवाओं जेन-जी(Gen Z) का कहना है कि सरकार ने लोगों की आवाजों को दबाने के लिए सोशल मीडिया(Social Media) पर प्रतिबंध लगाया है। नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया साइट्स को बैन करने का फैसला किया था।
मंत्रालय ने इन प्लेटफॉर्म्स को 28 अगस्त से 7 दिन की समय सीमा दी थी ताकि वे पंजीकरण करवा सकें। लेकिन फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, X (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स ने समय सीमा के भीतर आवेदन नहीं किया।
पंजीकरण की स्थिति और प्रभाव
दूसरी तरफ, टिकटॉक, वाइबर, विटक, निमबज और पोपो लाइव जैसे प्लेटफॉर्म्स ने अपना पंजीकरण करवा लिया है, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की मंजूरी की प्रक्रिया जारी है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि जो भी प्लेटफॉर्म रजिस्ट्रेशन पूरा करेगा, उसे उसी दिन बहाल कर दिया जाएगा।
इस प्रतिबंध से विदेश में रहने वाले लाखों नेपाली भी प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल अपने प्रियजनों के साथ संपर्क में रहने के लिए करते हैं।
इस आंदोलन का मुख्य कारण क्या है?
जेन-जी(Gen Z) के इस आंदोलन का मुख्य कारण नेपाल में व्याप्त भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा सोशल मीडिया साइट्स पर लगाया गया प्रतिबंध है।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने क्या कदम उठाए?
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संसद भवन परिसर में घुसने से रोकने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, जेन-जी के इस आंदोलन से पूरे इलाके में कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया।
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