तेलंगाना में राजनीतिक तूफान, विपक्ष हल्लाबोल
हैदराबाद। नेशनल हेराल्ड मामले में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी का नाम लेकर प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट ने तेलंगाना में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। बढ़ते आरोपों और बढ़ते दबाव के कारण सत्तारूढ़ कांग्रेस को विपक्ष से भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जो तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
विपक्ष ने लगाया ‘कांग्रेस के एटीएम’ में बदलने का आरोप
पूर्व मंत्री और बीआरएस विधायक वेमुला प्रशांत रेड्डी ने मुख्यमंत्री पर तेलंगाना को ‘कांग्रेस के एटीएम’ में बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी की चार्जशीट टीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में रेवंत रेड्डी के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के लंबे समय से चले आ रहे दावों को पुष्ट करती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पदों की उम्मीद का फायदा उठाकर धन एकत्र किया गया और रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यही पैटर्न जारी है।
विपक्ष के नेता ने मांगा सीएम का इस्तीफा
आग में घी डालने का काम करते हुए बीआरएस एमएलसी डॉ. दासोजू श्रवण ने संवैधानिक और नैतिक मानदंडों का हवाला देते हुए रेवंत रेड्डी के तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर ईडी जांच में नाम आने पर येदियुरप्पा, सुरेश कलमाड़ी और अन्य लोग इस्तीफा दे सकते हैं, तो रेवंत रेड्डी सत्ता से क्यों चिपके हुए हैं?’ उन्होंने चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा दांव पर लगी है।
कमीशन और सौदेबाजी का आरोप
दोनों नेताओं ने बताया कि कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों ने भी 30 प्रतिशत कमीशन और पिछले दरवाजे से सौदेबाजी की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए पार्टी के अंदर की सड़न को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि ईडी की रिपोर्ट केवल वही पुष्टि करती है जो जनता और राजनीतिक अंदरूनी लोग जानते हैं। श्रवण ने कहा, ‘तेलंगाना में राजनीतिक लालच और भ्रष्ट आचरण के कारण शासन व्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।’
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