ईसाइयों की आबादी की ग्रोथ में आई कमी
दुनिया में मुसलमानों की आबादी में सबसे ज्यादा तेजी से इजाफा हुआ है। प्यू रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में अब भी सबसे अधिक आबादी ईसाइयों की है, लेकिन उनकी जनसंख्या की ग्रोथ में कमी आई है। इसके अलावा दुनिया में उनकी आबादी का अनुपात 2010 के मुकाबले 1.8 फीसदी कम हुई है। फिलहाल दुनिया में ईसाई जनसंख्या 2.3 अरब है और पूरी दुनिया की जनसंख्या में इनकी 28.8 पर्सेंट की हिस्सेदारी है। इस तरह ईसाइयों की जनसंख्या का अनुपात कम हुआ तो वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या का प्रतिशत दुनिया में 1.8 फीसदी ही बढ़ गया है।
बौद्ध की आबादी में आई है कमी
फिलहाल दुनिया में मुसलमानों की जनसंख्या 25.6 फीसदी है और कुल जनसंख्या 2 अरब है। माना जा रहा है कि जल्दी ही दुनिया भर में मुसलमानों की आबादी ईसाइयों को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा होगी। इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का एकमात्र धर्म बौद्ध है, जिसकी जनसंख्या में कमी आई है।
2010 में बौद्धों की जनसंख्या में 1.9 करोड़ की कमी आई है। इसके चलते दुनिया की जनसंख्या में बौद्धों का अनुपात 0.8 फीसदी घटकर 4.1 पर्सेंट ही रह गया है। इस तरह भारत में पैदा हुए बौद्ध धर्म के लोगों की संख्या बढ़ने की बजाय कम हो रही है। इसकी एक वजह जन्मदर का कम होना है तो दूसरा कारण धर्म से विमुख होना भी है। बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो अपने जन्म के धर्म को छोड़ रहे हैं।

हिंदुओं की आबादी कितनी? मुसलमानों के मुकाबले क्या है स्थिति
अब बात हिंदुओं की करें तो उनकी आबादी में वैश्विक औसत के बराबर ही इजाफा हुआ है। 10 सालों के अंतराल में हिंदुओं की जनसंख्या में 12 करोड़ का इजाफा हुआ है। दुनिया की कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या 1.2 अरब है और वे 14.9 फीसदी हैं। इसका अर्थ हुआ कि दुनिया का हर सातवां इंसान हिंदू हैं। वहीं दुनिया का हर चौथा व्यक्ति मुस्लिम या फिर ईसाई है।
किसी धर्म के लोगों की जनसंख्या यदि सबसे कम है तो यहूदी है। यहूदियों की जनसंख्या दुनिया में 0.2 पर्सेंट ही है। बीते एक दशक में उनकी जनसंख्या में 10 लाख का ही इजाफा हुआ है। स्टडी के अनुसार दुनिया के सबसे कम आबादी वाला धर्म यहूदी ही है।
यहूदी धर्म से जुड़े लोगों की आबादी में कितना इजाफा
एक रोचक तथ्य यह भी है कि दुनिया की 75.8 फीसदी आबादी किसी धर्म से ताल्लुक रखती है। लेकिन 24.2 पर्सेंट लोग ऐसे हैं, जो किसी धर्म से खुद को नहीं जोड़ते। इन लोगों का कहना है कि वे नास्तिक हैं। यह समूह ईसाइयत और इस्लाम के बाद तीसरा सबसे बड़ा है। एक और बात यह है कि धर्म छोड़ने वाले इन लोगों में सबसे ज्यादा वे हैं, जो ईसाई थे। अमेरिका, इटली समेत कई देशों में ईसाई धर्म छोड़कर खुद को नास्तिक घोषित करने वालों की बड़ी संख्या है।
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