हैदराबाद। खेल मंत्री वक्ति श्रीहरि (Vakti Srihari) ने कहा कि सीएम रेवंत रेड्डी (CM Revanth Reddy) के विचारों के अनुसार खेल विभाग के काम में नयापन आना चाहिए ताकि खेलों को शिखर पर पहुंचाया जा सके। विभाग के काम में नए जोश के साथ नयापन लाया जाए। उन्होंने सचिवालय स्थित अपने कक्ष में खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी के साथ विभाग की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों से बात करते हुए सुझाव दिया कि पिछली असफलताओं और आलस्य को एक तरफ रखकर विभाग के काम में नए जोश के साथ नयापन लाया जाए और सीएम रेवंत के विचारों के अनुसा विभाग का काम उच्च स्तर पर हो।
ईमानदारी से काम किया जाए तो लक्ष्य हासिल करना आसान
उन्होंने कहा कि विभाग को 2036 ओलंपिक में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए और अगर ईमानदारी से काम किया जाए तो लक्ष्य हासिल करना आसान होगा। उन्होंने अधिकारियों को कार्यक्षेत्र में जाने की सलाह देते हुए कहा कि खेल क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिए कार्यालयों में बैठना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल कार्यक्रमों की सफलता और खेल विभाग की कार्यशैली में सुधार के लिए बाहर निकलना पडेगा।
मंत्री का दावा : प्रत्येक अकादमी का दौरा करेंगे
मंत्री ने कहा कि वे क्षेत्र स्तर पर जाएंगे, वे आदिलाबाद और करीमनगर के साथ-साथ प्रत्येक अकादमी का दौरा करेंगे और छात्रों, प्रशिक्षकों और छात्रों के अभिभावकों से चर्चा करेंगे। राज्य में खेलों के विकास के लिए वे खेल विशेषज्ञों और विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे और सुझाव और सिफारिशें लेकर हम आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम सभी संघों के प्रतिनिधियों, प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे और उनके विचार लेकर खेलों के विकास के लिए आगे बढ़ेंगे।
स्कूल स्तर से ही खिलाड़ियों की पहचान करे : मंत्री
उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर स्कूल स्तर से ही खिलाड़ियों की पहचान करे तथा गुरुकुल विद्यालयों में अच्छे खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करे। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के युवा विकास, पर्यटन एवं खेल विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन, खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवसेना रेड्डी, प्रबंध निदेशक श्रीमती सोनी बालादेवी, खेल प्राधिकरण के उपनिदेशक, इंजीनियरिंग विभाग तथा अन्य विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
Read also: Doctors’ Day : हमें चिकित्सा के क्षेत्र में वाणिज्य से करुणा की ओर बढ़ना चाहिए: जिष्णु देव वर्मा