नई दिल्ली। गूगल के एंड्रॉइड हेड और गूगल प्ले के वाइस प्रेसिडेंट समीर सामत ने इंजीनियर्स को बहुत काम की सलाह दी है। गूगल (Google) में टॉप पोजिशन पर नौकरी करने वाले समीर सामत ने कहा कि फॉर्मल एजुकेशन बहुत बेसिक है, असली उपलब्धि लगातार सीखने और इनोवेशन से मिलती है। टेक इंडस्ट्री बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे में इंजीनियर्स के लिए एआई, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में महारत हासिल करना बहुत जरूरी है। उन्होंने टीमवर्क और कम्युनिकेशन स्किल (Communication Skill) को भी बहुत जरूरी बताया है।
लीडरशिप और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स ही इंजीनियर को खास बनाती है
समीर सामत की मानें तो डिग्री एक शुरुआत है, लेकिन लीडरशिप और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स ही इंजीनियर को खास बनाती है। कुछ दशक पहले तक बीटेक (B.Tech) की डिग्री की बहुत वैल्यू थी। उसमें भी अगर किसी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया हो तो उस सिर आंखों पर बिठाया जाता था। लेकिन अब जॉब मार्केट बहुत बदल चुका है। एआई के आने से इंजीनियर्स भी डिग्री के साथ ही अन्य स्किल्स और क्रिएटिविटी पर फोकस करने लगे हैं। इन दिनों डिग्री से ज्यादा स्किल्स को महत्व दिया जाने लगा है। इसलिए सिर्फ किताबी ज्ञान के बजाय प्रैक्टिकल स्किल्स पर भी फोकस करना जरूरी है। सामत ने गूगल की एंड्रॉइड स्ट्रैटेजी के बारे में भी बात की। इसमें भारत जैसे उभरते राष्ट्रों पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स भी डेवलप करें : सामत
उन्होंने बताया कि गूगल किफायती स्मार्टफोन्स और लोकल ऐप्स के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टेक्नोलॉजी पहुंचाने पर काम कर रहा है। समीर सामत ने कहा कि टेक इंडस्ट्री बहुत तेजी से बदल रही है। इसलिए इंजीनियर्स के लिए लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है। उन्होंने एआई, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान देने की सलाह दी। गूगल के एंड्रॉइड हेड और गूगल प्ले के वाइस प्रेसिडेंट समीर सामत ने इंजीनियर्स को सलाह दी कि वे अपनी डिग्री से आगे बढ़कर सोचें। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल फॉर्मल एजुकेशन ही सफलता की गारंटी नहीं देती है। इसलिए टेक्निकल स्किल्स के साथ ही क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स भी डेवलप करें।
टीमवर्क और कम्युनिकेशन स्किल्स होना भी बहुत जरूरी हैं
समीर समात ने इस बात पर भी फोकस किया कि टेक्निकल नॉलेज के साथ-साथ टीमवर्क और कम्युनिकेशन स्किल्स होना भी बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स को अपनी टीम के साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए और कॉम्प्लेक्स टेक्नीक्स को सरलता से समझाने में सक्षम होना चाहिए। गूगल के सीनियर एग्जीक्यूटिव के तौर पर समीर सामत ने इंजीनियर्स को यूजर सेंट्रिक प्रोडक्ट बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की असल वैल्यू तब सामने आती है, जब वह यूजर की समस्याओं को हल करती है। इंजीनियर्स को यूजर एक्सपीरियंस और उनकी जरूरतों को समझने पर ध्यान देना चाहिए।
गूगल कितने साल का है?
गूगल 27 साल का हो गया है। इसकी स्थापना 4 सितंबर, 1998 को हुई थी। गूगल की स्थापना लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने की थी, जब वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के छात्र थे.
Google का मालिक 1 दिन में कितने रुपए कमाता है?
ये 2015 के स्टॉक अवॉर्ड 99.8 मिलियन डॉलर यानी करीब 6.5 अरब रुपए की तुलना में दोगुनी है। ये आंकड़े एक साल के हैं। – यदि इन्हें महीने और दिन में बांटा जाए, तो पिचाई एक महीने में 108 करोड़ रुपए और एक दिन में 3.6 करोड़ रुपए कमाते हैं
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