उत्तराखंड (Uttarakhand) में सक्रिय साइबर (Cyber) ठगों ने अब फीस के नाम पर अभिभावकों से ठगी करने का नया तरीका खोज लिया है। साइबर ठग स्कूल का क्यूआर कोड भेज कर अभिभावकों से फीस जमा करने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इतना ही नहीं खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि पर इन ठगों की नजर लगी हुई है।
ठगों ने एक वेबसाइट पर उत्तराखंड Uttarakhand के राज्यपाल की फोटो के साथ ही अन्य खेल हस्तियों की फोटो लगाकर राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने का खेल खेला है। जिसमें खिलाड़ियों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। राज्यपाल की फोटो लगाकर ठगी करने के मामले में साइबर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की है। साइबर ठगों ने स्कूल के अभिभावकों को क्यूआर कोड भेज कर फीस जमा करने के लिए मैसेज किया गया। साथ ही फीस जमा करने की आखिरी तारीख और विलंब शुल्क जमा करने के बारे में भी मैसेज में जानकारी दी गई। हालांकि स्कूल तक मामला पहुंचने पर प्रबंधन ने अभिभावकों को अलर्ट कर दिया और इस तरह से अभिभावक साइबर ठगों के जाल में फंसने से बच गए।
स्कूल की तरफ से मैसेज मिलने पर हैरान हुए अभिभावक
जानकारी के अनुसार, देहरादून के एक स्कूल के नाम से वॉट्सऐप के जरिए कुछ अभिभावकों को क्यूआर स्कैनर भेजा गया। इसमें स्कूल की तरफ से डेवलपमेंट फीस के नाम पर 4990 रुपए मांगे गए। अभिभावकों को बाकायदा फीस जमा करने की आखिरी तारीख की जानकारी भी दी गई और इसके साथ ही लेट फीस का जिक्र भी मैसेज में किया गया। स्कूल की ओर से अचानक इस तरह का मैसेज मिलने से कुछ अभिभावकों ने जब स्कूल में पता करा तो साइबर ठगों के बिछाये इस जाल का पता चला। समय रहते स्कूल प्रबंधन से जानकारी मिलने पर अभिभावकों ने भी चैन की सांस ली।
भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार का आयोजक बताया
उधर खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि पर भी साइबर ठगों ने नजर गढ़ाई हुई है। देहरादून में साइबर ठगों ने खेल पुरस्कार के नाम पर फर्जीवाड़ा किया। ठगों ने एक फर्जी वेबसाइट बनाकर खुद को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2025 का आयोजक बताया।
क्या बोले एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर
इस मामले में एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि साइबर ठगों ने खिलाड़ियों को ठगने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने का जाल बिछाया है। इसके लिए एक फर्जी वेबसाइट बनाकर इस पर खिलाड़ियों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इस वेबसाइट पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, पीटी ऊषा और नीरज चोपड़ा जैसी शख्सियतों को पुरस्कार चयन समिति का सदस्य दर्शाया गया है।
वेबसाइट को खोलने पर इस पर डोनेशन के लिए एक क्यूआर कोड खुल रहा है। इस मामले में साइबर थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस मामले मे जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।
उत्तराखंड Uttarakhand का सबसे पुराना स्कूल कौन सा है?
कानपुर में वर्ष 1887 के दौरान अल्फ्रेड पॉवेल, आर्थर फॉय और उनकी पत्नी तथा ब्रिगेडियर जेएच कोंडन नामक मित्रों के एक समूह ने मुलाकात की और मसूरी में एक स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया। इसलिए, वेनबर्ग एलन स्कूल भारत के सबसे पुराने शैक्षणिक संस्थानों में से एक है।
उत्तराखंड का नंबर वन स्कूल कौन सा है?
एजुकेशन वर्ल्ड इंडिया 2022-23 की लिस्ट में वेल्हम बॉयज स्कूल और द दून स्कूल ने संयुक्त रूप से नंबर वन रैंक हासिल कर देश के टॉप 10 स्कूलों में अपना नाम दर्ज किया था।