महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Manrega) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगने के कुछ ही दिनों बाद केंद्र सरकार ने अपना रुख नरम कर लिया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय अब पश्चिम बंगाल में विशेष शर्तों के साथ इस योजना को फिर से शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। लगभग तीन साल से बंद योजना की बहाली को लेकर राज्य सरकार लंबे समय से केंद्र से आग्रह कर रही थी।
PMO को भेजी गई रिपोर्ट, विशेष शर्तों पर बहाली की तैयारी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सूचित किया कि वह ‘विशेष परिस्थितियों’ में पश्चिम बंगाल में मनरेगा फिर से शुरू करने पर विचार कर सकता है। PMO ने इस मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद मंत्रालय ने अपनी प्रारंभिक सहमति जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी केंद्र की याचिका
यह घटनाक्रम तब सामने आया जब 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज कर दी थी। केंद्र ने कलकत्ता हाई कोर्ट के 18 जून के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें राज्य में 1 अगस्त 2025 से मनरेगा बहाल करने का निर्देश दिया गया था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि केंद्र योजना लागू करते समय शर्तें, प्रतिबंध और नियम तय कर सकता है, ताकि भविष्य में गड़बड़ियां न हों।
2022 से बंद है फंड जारी करना, लाखों परिवार प्रभावित
केंद्र सरकार ने 9 मार्च 2022 से मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को फंड जारी करना बंद कर दिया था। इसका कारण बताया गया था कि राज्य ने केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया।
फंड रोकने से पहले 2014-15 से लेकर 2021-22 तक हर साल 51 लाख से 80 लाख परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में कितने ब्राह्मण जज हैं?
सर्वोच्च न्यायालय में ब्राह्मण न्यायाधीशों की संख्या विभिन्न स्रोतों के अनुसार अलग-अलग है, लेकिन सबसे हालिया अनुमानों के अनुसार, यह संख्या लगभग 12 से 15 के बीच है। ये अनुमान न्यायालय की कुल 33 या 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या पर आधारित हैं।
Read More :