अमेरिका-यूक्रेन शांति प्रस्ताव पर रूस का असंतोष
मॉस्को: अमेरिका की ओर से पेश किए गए शांति प्रस्ताव में 28 अंक पहले थे, जिन्हें बाद में घटाकर 19 किया गया है, लेकिन रूस इस नए ड्राफ्ट से संतुष्ट नहीं है। रूस(Russia) का कहना है कि यह संशोधित योजना उसके पुराने सुरक्षा हितों का उल्लंघन करती है, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की(Volodymyr Zelensky) ने इसे “स्वीकृति योग्य” माना है।
हालाँकि मौजूदा प्रस्ताव अंतिम रूप नहीं ले पाया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ वार्ता जारी है, और दोनों पक्षों ने बताया है कि अभी भी चर्चाएँ हो रही हैं। इस बीच, रूस की तीखी प्रतिक्रिया और पुतिन(Putin) की नाराज़गी ने शांति प्रयासों पर एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
वार्ता का बदलता चेहरा और उसकी वजहें
नए 19-पॉइंट प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमेरिका ने सुरक्षा गारंटी तथा सीमित समझौतों की पुनरावृत्ति से बचने का संकेत दिया है। इसके लिए अमेरिका ने बुडापेस्ट मेमोरेंडम और मिन्स्क एग्रीमेंट जैसे पुराने समझौतों को दोहराने से इनकार किया है। अमेरिका के विशेष दूत जनरल कीथ Kellogg ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन को भरोसेमंद सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए।
स्विट्जरलैंड में हुई बैठकों के दौरान यूक्रेन के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यरमक तथा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की अगुवाई में प्रस्ताव में बड़े बदलाव किये गए हैं। जेलेंस्की ने उन सुझावों का स्वागत किया और इन बदलावों को “लायक-स्वीकार” बताया है।
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रूस का प्रतिरोध और उसके दावे
रूसी(Russia) अधिकारियों, खासकर उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव, ने स्पष्ट किया है कि रूस उस समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो अगस्त 2025 में पुतिन द्वारा रखे गए शर्तों के अनुरूप न हो। उन शर्तों में NATO विस्तार पर पाबंदी, पूर्वी यूरोप में हथियारों की तैनाती पर प्रतिबंध और यूक्रेन में रूसी पहचान की रक्षा शामिल है।
युद्ध समर्थक रूसी समूह भी इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह समझौता “रूस की सुरक्षा में समझौता” होगा। रयाबकोव ने यह भी दोहराया कि रूस अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और यह दबाव में झुकने वाला नहीं है।
रूस नए शांति प्रस्ताव को क्यों खारिज कर रहा है?
रूस(Russia) का कहना है कि नया प्रस्ताव उनके सुरक्षा हितों को पर्याप्त रूप से नहीं संबोधित करता है। पुतिन की पुरानी मांगों — जैसे कि NATO विस्तार में रोक और पूर्वी यूरोप में हथियारों की तैनाती — को इसमें शामिल नहीं किया गया है, इसलिए वे इसे स्वीकार्य नहीं मानते हैं।
इस प्रस्ताव के स्वीकार्य होने की स्थिति क्या होगी?
अगर अमेरिका और यूक्रेन रूस की सुरक्षा चिंताओं को स्पष्ट रूप से स्वीकार करें और कुछ गारंटियाँ दें, तो समझौते की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही वार्ता में रूस को अपनी रणनीतिक मांगों का भाग मिलना चाहिए, तभी दीर्घकालीन शांति संभव हो सकती है।
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