इंदिरा तेरी याद आई: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने हाल ही में केंद्र सरकार के पाकिस्तान के विरुद्ध युद्धविराम की ऐलान पर तीखा आक्रमण किया है। कांग्रेस का लांछन है कि केंद्र सरकार ने अमेरिका के दबाव में आकर युद्धविराम अंगीकार किया, जिससे भारतीय सैनिकों की शहादत का अपमान हुआ है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस ने “इंदिरा तेरी याद आई” अभियान की आरंभ की है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य 1971 के भारत-पाक युद्ध की याद दिलाना और उस वक्त के दृढ़ नेतृत्व का सम्मान करना है।
22 दिनों में शहीद हुए सैनिकों का अपमान
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, जीतू पटवारी ने कहा कि जब भारत पाकिस्तान को लगभग घुटनों पर ला चुका था, तब केंद्र सरकार ने अचानक युद्धविराम की ऐलान क्यों की? उन्होंने इलजाम लगाया कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में लिया गया। पटवारी ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान ने निर्णायक कार्रवाई के बजाय शहीदों को सिर्फ श्रद्धांजलि दी, जो भारतीय सैनिकों के बलिदान का अपमान है।
यह विषय कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि उन्होंने इसे हिन्दुस्तान की अस्मिता, संरक्षणा और आत्मसम्मान से जोड़ दिया। पटवारी का कहना था, “22 दिनों में 22 जवान वीरगति हुए, 28 नागरिक मारे गए, लेकिन हमें केवल श्रद्धांजलि दी गई। क्या यही जीत है?”
“इंदिरा तेरी याद आई” अभियान की शुरुआत
कांग्रेस का यह अभियान इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद करने के लिए है, जब उन्होंने 1971 के संग्राम में अमेरिका के दबाव को ठुकराकर पाकिस्तान को दो टुकड़े कर दिए थे। पटवारी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने उस वक्त रिचर्ड निक्सन के दबाव को नजरअंदाज करते हुए बांग्लादेश की स्वतंत्रता सुनिश्चित की थी, और यह भारतीय राजनीति में एक स्वाभिमान और दृढ़ नेतृत्व का उदाहरण था।

इस अभियान के तहत कांग्रेस प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित करेगी, जहां जनता को 1971 के युद्ध की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में कहा जाएगा। साथ ही, यह अभियान शहीदों को श्रद्धांजलि देने और सेना के शौर्य को मान्यता देने का भी प्रयास करेगा।
केंद्र सरकार पर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस का यह भी लांछन है कि केंद्र सरकार के निर्णय से यह संकेत मिलता है कि भारत की विदेश नीति अब स्वतंत्र नहीं रही। पटवारी ने यह सवाल उठाया कि क्या आज भारत में ऐसा नेतृत्व है जो सैनिकों के बलिदान का सम्मान करता है?
इस अभियान के दौरान, कांग्रेस सरकार की विदेश नीति और निर्णयों की तुलना 1971 के समय से करेगी, जहां इंदिरा गांधी ने अपने निर्णय से भारतीय सेना और राष्ट्रीय गौरव को सर्वोपरि रखा था।
वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गी का जवाब
कांग्रेस के “इंदिरा तेरी याद आई” अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए, मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गी ने कहा कि अगर कांग्रेस इंदिरा गांधी को स्मृति करती है, तो उसे इमरजेंसी को भी स्मृति करना होगा। विजयवर्गी का कहना था कि कांग्रेस को अपनी राजनीतिक विरासत की पूरी सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।
यह राजनीतिक विवाद अब तेज हो चुका है, और यह देखा जाना है कि कांग्रेस का अभियान और केंद्र सरकार का रुख देश की जनता को कैसे प्रभावित करेगा।