उदयपुर। रविवार रात से जारी भारी बारिश (Heavy Rain) ने जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार सुबह करीब 4 बजे नेशनल हाईवे 58-E पर ऊंडावेला बस स्टैंड के पास लैंडस्लाइड हो गया। झाड़ोल-उदयपुर मार्ग पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही। एनएच अथॉरिटी (NH Authority) और पुलिस ने मलबा हटाकर आवागमन सुचारु कराया।
रेलवे लाइन पर गिरी चट्टानें
गोरमघाट क्षेत्र में पहाड़ों से पत्थर और मलबा खिसककर रेलवे ट्रैक पर आ गया। इसके चलते मारवाड़ से कामलीघाट के बीच मीटरगेज रेल सेवाएं अग्रिम आदेश तक रोक दी गई हैं। गाड़ी संख्या 09695 और 09696 को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने उदयपुर (Udaypur) और आसपास के जिलों के लिए दो दिन का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने सोमवार को नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। सोमवार-मंगलवार को और भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
कई सड़कें बंद, पुलिया डूबीं
साबरमती बांध का पानी छोड़े जाने से कोटड़ा-देवला मार्ग बंद हो गया है। कोटड़ा-पानरवा मार्ग और कोटड़ा-स्वरूपगंज मार्ग पर भी तेज बहाव के कारण यातायात बाधित है। लसाडिय़ा में भरेव स्थित एक सरकारी स्कूल का भवन बारिश में धराशायी हो गया, हालांकि गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
15 लोग नाव से सुरक्षित निकाले गए
मानसी वाकल बांध क्षेत्र के तलाई गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए। दो कच्चे मकानों में पानी घुसने से 15 लोग फंस गए। प्रशासन ने नाव से रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला और रिश्तेदारों के यहां भेजा। वहीं डाकनकोटड़ा गांव में एक मकान ढहने से तीन बकरियां दबकर मर गईं।
भारी बारिश का क्या कारण है?
बादल पानी की बूंदों से बने होते हैं। बादल के भीतर, पानी की बूंदें एक-दूसरे पर संघनित होकर बढ़ती हैं। जब ये बूंदें इतनी भारी हो जाती हैं कि बादल में लटकी नहीं रह पातीं, तो वे बारिश के रूप में धरती पर गिरती हैं।
बारिश का असली नाम क्या है?
वायु में मिला जलवाष्प शीतल पदार्थों के संपर्क में आने से संघनन (condensation) के कारण ओसांक तक पहुँचता है। जब वायु का ताप ओसांक से नीचे गिर जाता है, तब जलवाष्प पानी की बूँदों अथवा ओलों के रूप में धरातल पर गिरने लगता है। इसी को वर्षा कहते हैं।
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