राष्ट्रपति से मुलाकात रोकने के लिए मोदी-शाह जिम्मेदार
हैदराबाद। पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण के कार्यान्वयन पर अपने पहले के रुख से हटते हुए मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस अगला संसदीय चुनाव जीतने के बाद और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के प्रधानमंत्री बनने के बाद कोटा लागू करेगी। दिल्ली में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने तेलंगाना मंत्रिमंडल की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी जिम्मेदार ठहराया।
तेलंगाना के मंत्रियों ने 10 दिन पहले राष्ट्रपति से मिलने का समय माँगा था। उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय को सूचित किया था कि प्रतिनिधिमंडल 5 और 6 अगस्त को नई दिल्ली में राज्य विधानसभा में पारित दोनों विधेयकों को मंज़ूरी देने के लिए अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘पूरा राज्य मंत्रिमंडल राष्ट्रपति की नियुक्ति का इंतज़ार कर रहा था। दुर्भाग्य से, हमें यह नहीं मिल सका। यह तेलंगाना और उसके लोगों के लिए अपमानजनक है।’
पिछड़े वर्गों के अधिकारों को हड़पने की साजिश रच रही है भाजपा
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पिछड़े वर्गों के अधिकारों को हड़पने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर मुसलमानों को आरक्षण देने का आरोप लगाने की आड़ में भाजपा पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण का विरोध करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, ‘‘आरक्षण जाति या समुदाय के आधार पर नहीं, बल्कि सामूहिक आधार पर दिया जा रहा है।’’ उन्होंने मांग की कि भाजपा पिछड़ी जातियों के आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे और संसद में विधेयक पेश करे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना मंत्रिमंडल के पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में रहने के बावजूद केंद्र से कोई सहयोग नहीं मिला है।
पंचायत चुनावों में राजनीतिक दलवार आरक्षण करना होगा लागू
कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार, दोनों ही 42 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने के लिए सभी कानूनी और राजनीतिक विकल्पों पर विचार करेंगी। उन्होंने कहा कि चूँकि राज्यपाल ने विधेयकों को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेज दिया है, इसलिए दूसरा विकल्प पंचायत चुनावों में राजनीतिक दलवार आरक्षण लागू करना होगा। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न दलों के कई सांसदों ने जंतर-मंतर पर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था, और कहा कि बदलाव रातोंरात नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने केंद्र पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की थी। रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘कांग्रेस के अगले संसदीय चुनाव जीतने और राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, हम पिछड़ी जातियों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करेंगे।’

राहुल गांधी के दादा का धर्म क्या था?
उनके नाना, फिरोज गांधी, पारसी धर्म से संबंध रखते थे। पारसी धर्म ज़ोरास्ट्रियन धर्म पर आधारित है, जिसकी उत्पत्ति प्राचीन फारस में हुई थी। बाद में उन्होंने इंदिरा गांधी से विवाह किया और भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।
राहुल गांधी की माँ का क्या नाम है?
उनकी माता का नाम सोनिया गांधी है। सोनिया का जन्म इटली के लुसियाना गांव में हुआ था और विवाह के बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता ग्रहण की। वे लंबे समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं।
राहुल गांधी की बहन का नाम क्या है?
उनकी बहन का नाम प्रियंका गांधी वाड्रा है। प्रियंका भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई हैं। वे खासतौर पर उत्तर प्रदेश में चुनावी प्रचार और संगठनात्मक कार्यों में अपनी भूमिका निभाती हैं।
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