सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली ने किया स्पष्ट
हैदराबाद। हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना केन्द्र (INCOIS) ने बुधवार को पुष्टि की कि रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से भारतीय मुख्य भूमि या व्यापक हिंद महासागर क्षेत्र में सुनामी का कोई खतरा नहीं है। इससे पहले, 8.8 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) के कारण जापान, अमेरिका (अलास्का, हवाई, कैलिफोर्निया, ओरेगन, वाशिंगटन) और अन्य प्रशांत द्वीपों के कुछ हिस्सों सहित पूरे प्रशांत क्षेत्र में चेतावनी जारी की गई थी।
बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह में आया था भूकंप
बुधवार को सोशल मीडिया पर INCOIS अलर्ट में कहा गया था, ‘ इस भूकंप के कारण भारत को सुनामी का कोई खतरा नहीं है। INCOIS ने 30 जुलाई 2025 को 04:54 IST (29 जुलाई 2025 को 23:24 UTC) पर कामचटका के पूर्वी तट (स्थान: 52.57 N, 160.08 E) पर 8.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया है। इस भूकंप के कारण भारत को सुनामी का कोई खतरा नहीं है।’ 29 जुलाई, 2025 को बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह में 6.3/6.5 तीव्रता का एक और भूकंप आया था। हालांकि, देश की सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली आईएनसीओआईएस ने उस घटना से भी सुनामी के किसी खतरे से इनकार किया था।

भूकंप किसे कहते हैं?
पृथ्वी की सतह में अचानक ऊर्जा के मुक्त होने से जो कंपन उत्पन्न होता है, उसे भूकंप कहते हैं। यह ऊर्जा भूकंपी तरंगों के रूप में चारों ओर फैलती है, जिससे धरती हिलने लगती है। इसका कारण टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल, ज्वालामुखी या मानव जनित गतिविधियां हो सकती हैं।
भारत में सबसे बड़ा भूकंप कब आया था?
26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में आया भूकंप भारत के इतिहास में सबसे बड़ा माना जाता है। इसकी तीव्रता 7.7 रिक्टर स्केल थी और इसमें लगभग 20,000 से अधिक लोग मारे गए। इसका प्रभाव दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी महसूस किया गया था।
भूकंप का जनक कौन था?
भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में जॉन मिल्ने को आधुनिक सिस्मोलॉजी (भूकंपी विज्ञान) का जनक माना जाता है। उन्होंने भूकंप रिकॉर्ड करने के लिए प्रारंभिक सीस्मोग्राफ का विकास किया और भूकंपी तरंगों की वैज्ञानिक व्याख्या दी। उनके कार्य ने इस क्षेत्र की नींव रखी।
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