रियाद। सऊदी अरब के मदीना (Madina) के निकट हुए दिल दहला देने वाले बस हादसे में जान गंवाने वाले भारत के 45 उमरा यात्रियों को शनिवार को मदीना में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। ये सभी यात्री तेलंगाना के हैदराबाद से उमरा की पवित्र यात्रा पर निकले थे। अंतिम संस्कार के दौरान माहौल बेहद गमगीन रहा। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल जस्टिस एस. अब्दुल नजीर ने भी श्रद्धांजलि दी।
मस्जिद-ए-नबवी में अदा की गई अंतिम रस्में
अंतिम रस्में मदीना की विश्व प्रसिद्ध मस्जिद-ए-नबवी (Pagambar Masjid) में अदा की गईं। इसके बाद सभी शवों को जन्नत-उल-बाकी कब्रिस्तान में दफनाया गया। यह वही पवित्र स्थल है जहां सहाबा-ए-किराम सहित लाखों मुसलमान सदियों से अंतिम विश्राम पाते आए हैं।
भारतीय दूतावास के अधिकारी और अजरुद्दीन भी रहे मौजूद
भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया (Social Media) पर तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान राज्यपाल जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉ. सुहैल अजाज खान, जेद्दाह के कौंसल जनरल फहाद सुरी खान और पूर्व क्रिकेटर एवं तेलंगाना सरकार में मंत्री मोहम्मद अजरुद्दीन मौजूद थे।
दूतावास ने अपने संदेश में लिखा: मदीना बस हादसे में दिवंगत हुए सभी यात्रियों का अंतिम संस्कार 22 नवंबर को मदीना में संपन्न हुआ। हम इस दुखद त्रासदी पर गहरा शोक एवं संवेदना व्यक्त करते हैं।”
कैसे हुआ था भयावह हादसा?
यह हादसा 9 से 23 नवंबर तक चल रहे उमरा टूर के दौरान हुआ। हैदराबाद से कुल 54 लोग इस दल में शामिल थे। इनमें से चार यात्री कार से पहले ही मदीना पहुंच गए थे, जबकि चार अन्य निजी कारणों से मक्का में ही रुक गए। शेष 46 यात्री बस से मदीना की ओर जा रहे थे।
रास्ते में उनकी बस एक तेल टैंकर से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस तुरंत आग की लपटों में घिर गई और देखते ही देखते पूरी बस जलकर राख हो गई। 46 में से 45 यात्रियों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। किसी को निकलने का मौका तक नहीं मिला।
एकमात्र जीवित यात्री अस्पताल में भर्ती
इस हादसे में केवल एक यात्री — मोहम्मद अब्दुल शोएब — चमत्कारिक रूप से जिंदा बचे। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
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