नई दिल्ली,। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में एक बड़ा मोड़ आ चुका है। ओपनएआई ने अपना पहला एजेंटिक एआई ब्राउज़र एटल्स (AI Brouser Atlas) लॉन्च किया है। लॉन्च के 24 घंटे के भीतर ही टेक इंडस्ट्री में हलचल मच गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक गूगल के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। हालांकि यह बदलाव सिर्फ एक नए ब्राउज़र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कंप्यूटर के भविष्य की दिशा बदलने वाला कदम माना जा रहा है
अब कंप्यूटर खुद करेगा काम
अब तक कंप्यूटर कमांड (Computer Command) मिलने पर ही काम करता था, लेकिन एजेंटिक एआई के आने से कंप्यूटर खुद से निर्णय लेकर काम करेगा। उदाहरण के तौर पर, यूज़र सिर्फ बोलेगा—“मेरे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बना दो” और सिस्टम खुद ईमेल, फाइल और डेटा खोजकर पूरी रिपोर्ट तैयार कर देगा।
इंस्ट्रक्शन से एक्शन का युग
कल की मीटिंग फिक्स कर दो” जैसे निर्देश पर सिस्टम टीम की उपलब्धता देखकर मीटिंग शेड्यूल कर देगा। यानी माउस-क्लिक और टाइपिंग की जगह अब सीधे निर्देश और एक्शन लेने वाले सिस्टम आ रहे हैं।
क्रोम जैसा दिखता है, लेकिन ज्यादा स्मार्ट
ओपनएआई का एटल्स ब्राउज़र देखने में क्रोम जैसा है, लेकिन इसकी असली ताकत इसके भीतर काम करने वाला एआई एजेंट है। यह यूज़र की जरूरत समझता है, खुद वेब पर सर्च करता है, फॉर्म भरता है, ईमेल ड्राफ्ट करता है और बुकिंग तक कर देता है।
स्काई टीम के अधिग्रहण से बढ़ी ताकत
एटल्स लॉन्च के एक दिन बाद ओपनएआई ने एप्पल शॉर्टकट बनाने वाली स्काई टीम का अधिग्रहण कर लिया। यह वही टीम है जिसने लोकप्रिय “वर्कफ्लो” ऐप बनाया था। अब यह टीम मैकबुक के लिए एआई-ऑटोमेशन सिस्टम पर काम कर रही है।
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लोकल स्तर पर भी होगा स्मार्ट कंप्यूटर
स्काई टीम की तकनीक के जरिए आपका कंप्यूटर लोकल लेवल पर भी चैटजीपीटी जैसा स्मार्ट व्यवहार करेगा। यानी हर टास्क के लिए क्लाउड पर निर्भरता कम होगी।
कंप्यूटर को पूरी तरह स्वचालित बनाने का लक्ष्य
ओपनएआई का लक्ष्य कंप्यूटर को पूरी तरह ऑटोमेटेड बनाना है। “तीन प्रेजेंटेशन से सारांश बना दो” या “इस पीडीएफ को हिंदी में बदलकर भेज दो” जैसे काम सिस्टम खुद कर देगा।
तीन दशक बाद बदलेगा कंप्यूटिंग मॉडल
तकनीक विशेषज्ञों का मानना है कि करीब तीन दशक बाद कंप्यूटिंग मॉडल में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। ओपनएआई एटल्स ब्राउज़र और स्काई टीम की ऑटोमेशन तकनीक को मिलाकर एक इंटीग्रेटेड एआई सिस्टम बना रहा है।
गूगल रक्षात्मक स्थिति में
एआई रेस में गूगल अब तक सबसे आगे माना जाता था, लेकिन एजेंटिक ब्राउज़र, माइक्रोसॉफ्ट का एआई ब्राउज़र और अब ओपनएआई का एटल्स आने से गूगल रक्षात्मक स्थिति में आ गया है। आने वाले समय में कंप्यूटर केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि एक बुद्धिमान साथी बन जाएगा। बदलाव इतना बड़ा हो सकता है कि आज की कंप्यूटिंग व्यवस्था इतिहास बन जाए ।
ओपन एआई वास्तव में क्या है?
ओपनएआई एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान प्रयोगशाला है। दिसंबर 2015 में स्थापित, ओपनएआई सुरक्षित और लाभकारी तरीके से कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (एजीआई) को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।
ओपन एआई का मालिक कौन है
11 दिसंबर 2015 को इलॉन मस्क, सैम ऑल्टमैन ने मिलकर OpenAI ऑफिशियली लॉन्च किया था।
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