ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर चुके थे रमेश चंद्र पटेल
गुजरात के रमेश चंद्र पटेल भले ही ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर चुके थे, पर जड़ों से गहरा जुड़ाव था। वह हर साल अपना कुछ वक्त बिताने गृह राज्य गुजरात आते थे। इस बार परिवार ने काफी रोका, लेकिन पसंदीदा फल जंबूरा (चकोतरा) खाने के लिए भारत खिंचे चले आए और लौटते समय विमान हादसे के शिकार बन गए। उनका अंतिम संस्कार करने के लिए उनका परिवार भारत पहुंच चुका है।
भारत से बहुत प्यार करते थे रमेश
पिता की मौत से व्यथित बेटी प्रीति पांड्या ने कहा कि उनके पिता भारत से बहुत प्यार करते थे। शायद इसीलिए उनकी मौत भी अपने देश की धरती पर हुई। रमेश पटेल का यहां अपना एक घर है और वह हर साल अपनी पत्नी के साथ करीब छह सप्ताह यहीं बिताते थे। रमेश पटेल की बहू काजल ने कहा कि वह महज एक हफ्ते की यात्रा पर आए थे। किसी ने सोचा नहीं था कि वह लौटकर नहीं आएंगे।
मुआवजा किसी की जान वापस नहीं ला सकता
एअर इंडिया की तरफ से मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये के मुआवजे पर प्रीति पंड्या ने कहा, मुआवजा उन्हें वापस नहीं लाएगा। प्रीति व उनके परिवार ने कहा कि वे एअर इंडिया के विमान से सफर नहीं करेंगे। प्रीति ने बताया कि मंगलवार को पापा ने वीडियो कॉल किया था, पर मैं बात नहीं कर पाई। थोड़ा व्यस्त थी तो सोचा कि मैं बाद में कॉल करूंगी। लेकिन वह मौका ही नहीं आया था।

रमेश महादेव की वीडियो कॉल पर माता-पिता से आखिरी बातचीत
रमेश महादेव पवार ने इस हादसे में अपने माता-पिता दोनों को गंवा दिया है। उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता महादेव पवार और आशा एम पवार को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट गए थे। उन्होंने बताया, हमने उन्हें एयरपोर्ट पर उतारा। फिर वीडियो कॉल के जरिये संपर्क किया। अब यही बातचीत हमारी आखिरी याद बनकर रह गई है। हम उन्हें छोड़कर घर पहुंचे ही थे कि हादसे की खबर मिली।
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