Oil price today : टोक्यो, 16 अक्टूबर (रायटर्स): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद गुरुवार को तेल की कीमतों में करीब 1% की बढ़ोतरी हुई। ट्रंप ने कहा कि (Oil price today)भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। इस कदम से वैश्विक आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 56 सेंट या 0.9% बढ़कर 62.47 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) फ्यूचर्स 58 सेंट या 1% बढ़कर 58.85 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत, जो अपने तेल आयात का लगभग एक-तिहाई रूस से खरीदता है, अब इसे बंद कर देगा। अमेरिका का अगला लक्ष्य चीन को भी रूसी तेल खरीद से रोकना है, ताकि मॉस्को की ऊर्जा आमदनी कम की जा सके और उसे यूक्रेन में शांति समझौते के लिए मजबूर किया जा सके।
हालांकि, भारत ने गुरुवार को कहा कि उसका उद्देश्य स्थिर ऊर्जा कीमतों और आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर सीधा कोई जवाब नहीं दिया।
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कुछ भारतीय रिफाइनर अब धीरे-धीरे रूसी तेल आयात को कम करने की तैयारी कर रहे हैं। तीन सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ महीनों में आयात में चरणबद्ध कमी देखी जा सकती है।
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बिसेंट ने जापान के वित्त मंत्री कात्सुनोबू काटो से कहा कि अमेरिका चाहता है कि जापान भी रूसी ऊर्जा आयात बंद करे।
भारत और चीन रूस के समुद्री तेल निर्यात के दो सबसे बड़े खरीदार हैं, जिन्हें अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पहले ही प्रतिबंधित कर दिया है। कई महीनों तक मोदी सरकार ने रूसी तेल खरीद पर अमेरिकी दबाव का विरोध किया था, यह कहते हुए कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
IG के मार्केट एनालिस्ट टोनी साइकामोर ने कहा, “भारत के रूस से तेल न खरीदने का फैसला कच्चे तेल की कीमतों के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे वैश्विक आपूर्ति में कमी आएगी।”
ब्रिटेन ने भी रूस की बड़ी ऊर्जा कंपनियों — Rosneft और Lukoil — पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। प्रतिबंधों में चीन की निजी रिफाइनरी Shandong Yulong Petrochemical, 44 रूसी टैंकर और भारत की Nayara Energy Limited जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
गुरुवार को निवेशकों की नजर अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (EIA) की साप्ताहिक रिपोर्ट पर रहेगी। इससे पहले अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (API) के आंकड़ों में मिश्रित संकेत मिले थे।
स्रोतों के अनुसार, पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 7.36 मिलियन बैरल बढ़ा, जबकि गैसोलीन स्टॉक 2.99 मिलियन बैरल बढ़ा और डीजल का भंडार 4.79 मिलियन बैरल घटा।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में डीजल की बढ़ती मांग के बावजूद कुल तेल खपत अभी भी कमजोर बनी हुई है।
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