हुमांयू कबीर की बगावत से उठे सियासी तूफान
तृणमूल कांग्रेस ने भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बगापत कर दी है. तीसरी बार वॉर्निंग देने के बाद हुमायूं कबीर ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए दावा किया कि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 200 से कम सीटें मिलेंगी।
हुमायूं करीब को अनुशासनहीनता के आरोप में तीसरी बार कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी सूत्रों के अनुसार यह नोटिस अब अंतिम चेतावनी के रूप में दिया गया है. अगर इस बार भी कबीर पार्टी लाइन का पालन नहीं करते हैं, तो उनके विधायक पद को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
शुक्रवार को कोलकाता में राज्य मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने उन्हें विधानसभा में अपने कक्ष में बुलाकर पार्टी की चिंताओं से अवगत कराया. पार्टी की ओर से स्पष्ट किया गया कि उनके हालिया बयानों और व्यवहार से संगठन को नुकसान हो रहा है. हालांकि, इस बैठक के बाद भी हुमायूं कबीर के रुख में कोई नरमी नहीं देखी गई. वे मुस्कराते हुए बाहर निकले और पत्रकारों के सवालों पर बस इतना कहा, “अभी कुछ नहीं कहूंगा, समय आने पर सब कुछ पता चल जाएगा।”
हुमांयू कबीर ने ममता से की बगावत
- हालांकि इस संक्षिप्त प्रतिक्रिया में भी हुमांयू कबीर ने बहुत कुछ संकेत दे दिया. उन्होंने पार्टी के अंदरूनी मतभेदों और अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने की बात दोहराई. उन्होंने संकेत दिया कि वे पार्टी नेतृत्व के कुछ फैसलों से नाखुश हैं और अब चुप नहीं बैठने वाले हैं।
- कबीर ने विशेष रूप से जिला स्तर की राजनीति और संगठनात्मक ढांचे पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके जिले में ब्लॉक अध्यक्षों का चयन अपारदर्शी तरीके से हो रहा है और कुछ नेता लगातार वादाखिलाफी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले की जानकारी राज्य नेतृत्व को पंचायत चुनावों से पहले ही दे दी थी।
- उन्होंने कहा, मुझे दूसरी जगह से चुनाव लड़ने भेजा गया और मैंने वहां भी सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की. बावजूद इसके, स्थानीय नेता मुझे पदों से हटाने और अपमानित करने में लगे हैं. मैंने इस अन्याय का विरोध किया है और करता रहूंगा. चाहे पार्टी कोई भी फैसला ले।
‘तृणमूल 200 के नीचे जा सकती है’
- हुमायूं कबीर हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के अल्पसंख्यक समर्थन में गिरावट को लेकर भी बयान दे चुके हैं. उनका कहना है कि पार्टी की नीतियों और आंतरिक राजनीति से अल्पसंख्यक वर्ग में असंतोष बढ़ा है. उनका अनुमान है कि अगर यही स्थिति रही, तो 2026 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल की सीटें 200 से नीचे जा सकती हैं।
- उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि तृणमूल की सीटें 195 से 198 के बीच रहेंगी. कुछ लोग कह रहे हैं कि 250 आएंगी. अब इसका जवाब 2026 के चुनाव नतीजों के दिन शाम 4 बजे मिलेगा।”