नई दिल्ली। भारतीय सेना में कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofia Qureshi) ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को भारत की सैन्य रणनीति के नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने इसे मल्टी-डोमेन प्रिसीजन वॉरफेयर का जीवंत प्रमाण करार दिया। मानेकशॉ सेंटर में आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग: यंग लीडर्स फोरम में बोलते हुए कर्नल कुरैशी ने याद दिलाया कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। यह जवाबी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के विरुद्ध थी।
तीनों सेनाओं का संयुक्त कौशल और आत्मनिर्भरता का उदाहरण
उन्होंने इसे थल, वायु और नौसेना के संयुक्त प्रयास, तकनीकी श्रेष्ठता और आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
पाकिस्तान की सूचना युद्ध रणनीति पर चेतावनी
कर्नल ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान ने सैन्य मोर्चे के साथ-साथ इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर भी छेड़ी। अतः युवाओं को डिजिटल साक्षरता बढ़ानी होगी और फेक न्यूज, दुष्प्रचार से सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा, “आप केवल फायरपावर में नहीं, फायरवॉल्स में भी प्रशिक्षित हैं। आज युद्ध गोलियों से नहीं, बाइट्स और बैंडविड्थ से लड़ा जाता है।”
युवाओं को बताया भारत की सबसे बड़ी सामरिक शक्ति
कर्नल कुरैशी (Karnal Qureshi ) ने जोर दिया कि भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम है यह युवा ऊर्जा देश की सबसे बड़ी सामरिक संपदा है। भारतीय सेना एआई, साइबर टेक्नोलॉजी में युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है।
तकनीकी साझेदारी और नवाचार की दिशा में बड़ा कदम
आईआईटी, डीआरडीओ और अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी चल रही है। चाहे सेना हो या शिक्षा, डिजाइन, टेक्नोलॉजी, प्रयास, नवाचार और संकल्प ही सफलता दिलाते हैं।
आधुनिक युद्ध का नया स्वरूप और भारत की तैयारी
कर्नल कुरैशी की प्रेरक वाणी ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति और रक्षा क्षेत्र में युवाओं की निर्णायक भूमिका पर नई रोशनी डाली। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंक के खिलाफ दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई, बल्कि डिजिटल युग के युद्ध में भारत की तैयारी को भी विश्व पटल पर स्थापित किया।
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