बिहार की राजनीति में सोमवार देर रात बड़ी हलचल देखने को मिली, जब केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajiv Ranjan Singh Alias Lalan Singh) और जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा चार्टर्ड फ्लाइट से अचानक दिल्ली के लिए निकल गए। इस तेज गतिविधि ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या NDA सरकार के गठन के पहले किसी आखिरी मिनट की राजनीतिक तैयारी जारी है।
दिल्ली बुलावे पर अटकलें तेज, दोनों नेताओं ने चुप्पी साधी
सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं को (BJP) हाईकमान ने अचानक दिल्ली तलब किया है। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया ने कई सवाल किए, लेकिन दोनों ने किसी भी तरह की टिप्पणी देने से इनकार कर दिया, जिससे अटकलें और बढ़ गईं।
19 नवंबर को NDA विधायक दल की अहम बैठक
सरकार गठन अब निर्णायक मोड़ पर है। 19 नवंबर को (NDA) विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें गठबंधन अपना नया नेता चुनेगा। माना जा रहा है कि इसी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औपचारिक रूप से इस्तीफा भी सौंप देंगे। इसके बाद बिहार की नई सरकार की रूपरेखा साफ हो जाएगी।
20 नवंबर को गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण
शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम बेहद भव्य होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ NDA नेता शामिल होंगे। BJP प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के अनुसार तैयारियां वॉर फुटिंग मोड पर चल रही हैं।
नीतीश कैबिनेट की अंतिम बैठक—तीन प्रस्तावों को मंजूरी
शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की अंतिम बैठक हुई। मात्र 15 मिनट चली इस बैठक में तीन अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में दोनों डिप्टी सीएम—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—भी मौजूद थे।
दिल्ली जाकर क्या हो रही है अंतिम दौर की बातचीत?
ललन सिंह और संजय झा की दिल्ली यात्रा को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह कैबिनेट फॉर्मूला, पावर शेयरिंग, और मंत्रालयों के संतुलन से जुड़ी अंतिम बातचीत का हिस्सा हो सकता है। NDA के भीतर तालमेल और स्थिरता सुनिश्चित करने को लेकर गतिविधियाँ अचानक तेज हो गई हैं।
48 घंटे में बड़ा खुलासा संभव
शपथ से पहले बिहार की राजनीति में यह सवाल सबसे बड़ा है—कौन होगा उपमुख्यमंत्री, किन नेताओं को महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलेंगे और सत्ता संतुलन का फार्मूला क्या होगा। अगले 48 घंटे में बिहार की राजनीति का पूरा नया समीकरण सामने आ सकता है।
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