वाशिंगटन, 18 जुलाई 2025: अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 17 जुलाई को इसकी घोषणा की।
यह कदम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें TRF ने 26 नागरिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। TRF को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुखौटा संगठन माना जाता है, जो पाकिस्तान से संचालित होता है।

कब आया अस्तित्व में?
TRF ने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अपनी गतिविधियां शुरू की थीं। यह संगठन सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसाने, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी, और हाइब्रिड आतंकियों की भर्ती में शामिल रहा है। भारत ने 2023 में इसे गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकी संगठन घोषित किया था।
TRF ने बनाया था कश्मीरी पंडितों को निशान
TRF ने कश्मीरी पंडितों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया, जिसमें 2021 में एक मशहूर केमिस्ट माखन लाल पंडिता और स्कूल प्रिंसिपल सुपिंदर कौर की हत्या शामिल है। संगठन ने 2024 में भी भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमले किए।
अमेरिका के इस फैसले पर क्या बोले जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह फैसला भारत अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की पुष्टि करता है. उन्होंने मार्को रूबियो को धन्यवाद दिया और लिखा कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक प्रतिनिधि, TRF को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया. उसने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी.
आतंकवाद के खिलाफ एक हो रही दुनिया- प्रियंका चतुर्वेदी
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी अमेरिका के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट को अमेरिका ने आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. यह देखकर खुशी हुई कि दुनिया भर के देश आतंकवाद और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. अब FATF की ग्रे लिस्टिंग की बात करें तो उम्मीद है कि सभी देश एकजुट होंगे और आतंकवाद का समर्थन करने वाले इस दुष्ट देश को जवाबदेह ठहराएंगे.
अमेरिका का इस फैसले के बाद क्या होगा ?
अमेरिका के इस फैसले से TRF को वित्तीय मदद, सहायता या सलाह देना अपराध माना जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग का मजबूत प्रतीक बताया। भारत ने हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों में राजनयिक अभियान चलाकर TRF और पाकिस्तान के आतंकी कनेक्शन को उजागर किया। TRF ने बाद में पहलगाम हमले से इनकार किया, दावा किया कि यह साइबर साजिश थी। इस कदम से भारत-पाक तनाव और बढ़ सकता है, लेकिन यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूती देता है।
सरकारी नौकरी के लिए यह क्लिक करें
https://upsconline.gov.in/ora/VacancyNoticePub.php
क्या है TRF?
प्रतिरोध मोर्चा ( टीआरएफ ) एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है जो जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद में सक्रिय रूप से शामिल है, और भारत द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है